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कौन है सचिन वझे जो पुलिस नेता-बिजनेसमैन और क्रिमिनल का जी चुका किरदार, सस्पेंस थ्रिलर पूरी हिस्ट्री
मुंबई (महाराष्ट्र). मुंबई क्राइम ब्रांच के पूर्व अफसर सचिन वझे को शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)ने गिरफ्तार कर लिया है। वझे को मुकेश अंबानी के बंगले एंटीलिया के बाहर मिली स्कॉर्पिया के मालिक मनसुख हिरने की मौत के मामले में हिरासत में लिया है। NIA टीम ने इससे पहले वझे से करीब 10 घंटे पूछताछ कर चुकी है। इतना ही नहीं पहले वह इस मामले की जांच टीम में शामिल था। महाराष्ट्र में विपक्षी दल बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा सत्र के दौरान वझे पर एंटीलिया मामले में शामिल होने के आरोप लगाए थे। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं सचिन वझे जो हो चुके हैं इससे पहले भी सस्पेंड...
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साल 1990 में बतौर सब-इंस्पेक्टर महाराष्ट्र पुलिस जॉइन करने वाले सचिन वझे की की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। उनकी रियल लाइफ में इस समय सस्पेंस थ्रिलर चल रहा है। वह कई किरदार जी चुके हैं, कभी नेता, पुलिस और अब उनका नाम क्रिमिनल की लिस्ट में शामिल होने हो गया है। वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में भी मशहूर हुए। वहीं एक मामले में उनको सस्पेंड कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने राजनीति की राह अपनाकर शिवसेना का दामन थाम लिया। फोर्स से बाहर रहने के दौरान, वझे ने दो किताबें भी लिखीं। एक शीना बोरा मर्डर केस पर और दूसरी डेविड हैडली पर। इतना ही नहीं वह एक अपनी सोशल नेटवर्किंग साइट भी चला चुके हैं।
साल 2004 में हुए घाटकोपर बॉम्ब ब्लास्ट मामले के संदिग्ध ख्वाजा यूनिस के मौत मामले में 14 लोगों पर केस दर्ज हुआ था। जिसमें 4 पुलिसकर्मियों सहित वझे को 4 पुलिसकर्मियों सहित सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद 2007 में पुलिस सर्विस से इस्तीफा दे दिया। वहीं एक साल बाद 2008 में वो शिवसेना में शामिल हो गए। 12 साल बाद जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार बनी तो जून 2020 में वझे की पुलिस फोर्स में फिर से बहाली हुई। जिसके बाद उनको एक बार फिर उन्हें क्राइम ब्रांच इंटेलिजेंस यूनिट का इंचार्ज बना दिया गया। क्राइम यूनिट जॉइन करते ही वझे ने कई केस पर काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान वह कई हाई प्रोफाइल मामले सामने लेकर आए।
सचिन वझे की पहचान एक 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' की बनी। वह मुंबई के 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट्स' की तिकड़ी का हिस्सा रह चुके हैं। जिसमें प्रदीप शर्मा और दया नायक का नाम शामिल हैं। वझे धीरे-धीरे आपराधिक मामलों के एक्सपर्ट की बन गए। उन्होंने अपनी सर्विस के दौरान अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई बड़े गैंगस्टर्स का एनकाउंटर किया है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, वह अब तक पांच दर्जन से अधिक अपराधियों को मौत के घाट उतार चुके हैं।
वझे के नेतृत्व में बनी टीम ने पिछले साल नवंबर 2020 में रिपब्लिक टीवी के न्यूज एंकर अरनब गोस्वामी की गिरफ्तारी की थी। वझे ने दिसंबर 2020 में स्पोर्ट्स कार डिजायनर दिलीप छाबड़िया को भी अरेस्ट किया। वह बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन के फेक ईमेल केस की जांच भी कर रहे थे। उन्होंने फेक सोशल मीडिया फॉलोअर्स केस में रैपर बादशाह को तलब किया गया था।
मीडिया जानकारी के अनसार, उन्होंने अंबानी केस में एनआईए की पूछताछ के दौरान कहा कि मैं एक आइसबर्ग (हिमखंड) का एक टुकड़ा भर हूं। वझे ने यह भी दावा है कि NIA को शिवसेना के कुछ नेताओं के नाम भी बताए हैं जो इस पूरी साजिश में मुख्य रूप से शामिल थे। वहीं वझे की गिरफ्तारी को लेकर शिवसेना पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखा ''बीजेपी वझे को इसलिए निशाना बना रही है क्योंकि वे अरनब गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले और टीआरपी घोटाला मामले की जांच कर रहे थे।''