MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Maharastra
  • दुनिया की सबसे बड़ी झुग्‍गी बस्‍ती धारावी की चमकेगी किस्‍मत, देश के सबसे अमीर शख्स अडानी बदलेंगे इसकी तस्वीर

दुनिया की सबसे बड़ी झुग्‍गी बस्‍ती धारावी की चमकेगी किस्‍मत, देश के सबसे अमीर शख्स अडानी बदलेंगे इसकी तस्वीर

मुंबई. दुनिया की सबसे बड़ी स्लम और मुंबई का दिल भी कहे जाने वाली धारावी झुग्गी बस्ती की किस्मत बदलने वाली है। क्योंकि अब इसका कायाकल्प होने वाला है। क्योंकि इसको री-डेवलव करने का जिम्मा देश के सबसे अमीर शख्स यानि गौतम अडानी की कंपनी को सौंपा गया है। अदाड़ी इंफ्रा इसको 50,69 करोड़ में चमकाकर देगी। जिसके बाद बड़ी-बड़ी इमारतें, लंबी-चौड़ीं सडकें और स्कूल वा अस्पताल होंगे। महाराष्ट्र सरकार ने धारावी झुग्गी बस्ती को री-डेवलप करने के लिए 17 सालों का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक के पुनर्विकास के लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। उन्होंने कहा कि अब सरकार को इसका ब्योरा भेजा जाएगा।

3 Min read
Arvind Raghuwanshi
Published : Nov 30 2022, 06:05 PM IST| Updated : Nov 30 2022, 06:08 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15


तीन कंपनियों ने धारावी के रिडेवलपमेंट के लिए लगाई बोली
दरअसल, वैसे तो धारावी के रिडेवलपमेंट का प्लान 2004 से चल रहा था, लेकिन अब 2022 में जाकर इसका टेंडर मंजूर हुआ है। अडानी   रियल्टी ग्रुप ने 5,069 करोड़ रुपए इसकी बोली लगाई थी। जबकि दूसरे नंबर डीएलएफ कंपनी ने 2,025 करोड़ बोली लगाई थी। वहीं तीसरे नंबर की  कंपनी यानि नमन ग्रुप को इस टेंडर के दौरान डिसक्वालिफाई कर दिया गया। तो सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी अदाड़ी ग्रुप को इसका काम सौंपा गया।

25

1882 में अंग्रेजों ने धारावी को बसाया था
 550 एकड़ में फैली धारावी झुग्गी बस्ती कई किलोमीटर के दायरे में बनी हुई है। इसे सबसे पहले अंग्रेजों ने 1882 में बसाया था। इसके निर्माण के पीछे की कहानी यह थी कि मजदूरी करने वाले लोग कम किफायती में अपना ठिकाना बना सकें। धारावी की जमीन सरकारी है, लेकिन यहां लोगों ने अपने पैसे यहां झुग्गियां बनाई हुई हैं। कम पैसों में लोग धीरे-धीरे यहां आकर लोग रहने लगे और फिर देखते ही देखते यह मुंबई का सबसे बड़ा स्लम एरिया बन गया। 

35


50% लोगों के घर में पर्सनल टॉयलेट नहीं 
धारावी में 2.6 स्क्वायर किलोमीटर में करीब 10 लाख लोग रहते हैं। बताया जाता है कि यहां बड़ी संख्या में कामगार और मजदूर वर्ग ही निवास करता है। दस बाई दस फीट के कमरे में पूरा एक परिवार रहता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 50% लोगों के घर में पर्सनल टॉयलेट नहीं है। ये लोग पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते हैं। धारावी की गलियां इतनी संकरी होती हैं कि बाहर के लोगों को यहां घुसने के लिए हौसला चाहिए। लेकिन यहां रहने वाले बच्चे भी दौड़ते हुए यहां से निकलते रहते हैं।

45

यहां से हर साल  80 अरब रुपए का होता है कारोबार
धारावी में दस हजार से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। यहां घर-घर में जींस, रेडीमेड कपड़े, लेबलिंग, प्लास्टिक और लैदर का होलसेल काम होता है। 15 हजार से ज्यादा कारखाने तो एक-एक कमरे में बने हुए हैं।  यहां पर बनी रिसाइक्लिंग इंडस्ट्री 2.5 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती हैं। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो धारावी में हर साल 1 अरब डॉलर यानी लगभग 80 अरब रुपए का कारोबार होता है।
माहिम और सायन धारावी के दोनों ओर बने रेलवे स्टेशन हैं।  यहीं से रोजाना लाखों लोग बाहर काम करने के लिए जाते हैं। 

55

 'स्लमडॉग मिलियनियर' फिल्म इसकी रियल कहानी
धारावी की असल पहचान झुग्गी-बस्ती की है। 2008 में रिलीज हुई फिल्म  'स्लमडॉग मिलियनियर' में यहीं की कहानी बताई गई थी। इतना ही नहीं इसकी शूटिंग भी यहीं पर हुई थी। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे इस झुग्गी-बस्ती में रहने वाला एक लड़का करोड़पति बन जाता है।

About the Author

AR
Arvind Raghuwanshi
अरविंद रघुवंशी। 2012 से पत्रकारिता जगत में कार्यरत हैं, 13 साल का अनुभव। 2019 से एशियानेट न्यूज हिंदी में बतौर सीनियर चीफ सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। हाइपर लोकल या कह लें स्टेट टीम को ये लीड कर रहे हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU) से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म (MJ) किया है। नेशनल, पॉलिटिक्स, क्राइम और फीचर स्टोरीज में लिखना पसंद है। दैनिक भास्कर के डिजिटल विंग, राजस्थान पत्रिका, राष्ट्रीय हिंदे मेल जैसे मीडिया संस्थानों में भी ये काम कर चुके हैं।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved