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घाटी में 2 हफ्तों में 22 आतंकी ढेर, इस वजह से मिल रही सुरक्षाबलों को कश्मीर में बड़ी कामयाबी
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। पिछले दो दिनों में हिजबुल मुजाहिद्दीन के 9 आतंकी ढेर हुए हैं। जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि घाटी में पिछले 2 हफ्तों में 9 बड़े ऑपरेशन हुए हैं। इस दौरान 22 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 6 बड़े कमांडर भी शामिल हैं। आईए जानते हैं कि किन वजहों से आतंकियों के खात्मे में सुरक्षाबलों को कामयाबी मिल रही है।
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सेना ने शोपियां में रविवार और सोमवार को 9 आतंकी ढेर किए हैं। इस दौरान सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। ये सभी आतंकी हिजबुल के हैं। इस मुठभेड़ में फारुक अहमद भट उर्फ नाली भी मारा गया था।
इससे पहले 4 जून को जवानों ने जैश-ए- मोहम्मद के टॉप पाकिस्तानी कमांडर और आईईडी एक्सपर्ट अब्दुल रहमान उर्फ फौजी भाई समेत 3 आतंकियों को ढेर कर दिया। फौजी जैश सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार था। फौजी 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले में कार में आईईडी लगाने की साजिश में शामिल था।
8 जून तक मारे गए 93 आतंकी
जम्मू कश्मीर में इस साल 8 मई तक 93 आतंकी मारे गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इन आतंकियों में कई बड़े कमांडर भी शामिल हैं। हाल ही में सुरक्षाबलों ने रियाज नाइकू और जुनैद सहराई को भी ढेर किया था। इसके अलावा सुरक्षाबलों ने जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और पाकिस्तान के आतंकियों को भी मार गिराया है।
स्थानीय लोगों का नहीं मिल रहा साथ
भारतीय सेना के कश्मीर स्थित एक्सवी कोर के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने रविवार को बताया था कि उत्तरी कश्मीर में सुरक्षाबलों को मिल रही कामयाबी से आतंकी हताश हो चुके हैं। अब वे ऐसी ही हरकतें करने लगे हैं। आतंकियों के सफाए में सबसे बड़ा मददगार है कि उन्हें स्थानीय लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है।
युवा अब कम आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, घाटी क लोग हिंसा से बाहर आना चाहते हैं। वे शांति चाहते हैं। यही कारण है कि इस साल आतंकी संगठन में जुड़ने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या में कमी आई है। वहीं, स्थानीय युवा बड़ी संख्या में सेना में भर्ती होने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी संगठन जनता में झूठ का प्रसार करते हैं। लेकिन जनता को अब इस झूठ का पता चल गया है। इसलिए आतंकियों को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है। अब लोग इस हिंसा से बाहर आना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि युवाओं के आतंकी संगठन में शामिल होने की संख्या में काफी कमी हुई है। 2018 में 218 युवा आतंकी संगठनों से जुड़े थे। वहीं, 2019 में सिर्फ 139 युवा आतंकी बने थे। लेकिन 2020 में संख्या में काफी कमी देखी गई है। यहां सिर्फ 35 स्थानीय युवा घर से गायब हुए हैं। हालांकि, 2020 में कितने युवा आतंकी संगठनों स जुड़े इसकी जानकारी नहीं मिली है।
कश्मीर में इन दिनों युवा खेल, स्किल डेवलपमेंट, जॉब और शिक्षा की तरफ बढ़ रहे हैं। सेना में भर्ती होने के लिए घाटी के 10 हजार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।