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ऑड-ईवन के आधार पर बच्चे जाएंगे स्कूल, खुले में होगी पढ़ाई ... स्कूल खुले तो ये होंगे बदलाव
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6 चरणों में खुलेंगे स्कूल
पहला चरण- 11 वीं-12 वीं की कक्षाएं शुरू होंगी।
दूसरा चरण (1 सप्ताह बाद)- 9 वीं-10 वीं की कक्षाएं शुरू होंगी।
तीसरा चरण (2 हफ्ते बाद)- 6 वीं से 8 वीं तक कक्षाएं शुरू होंगी।
चौथा चरण (3 हफ्ते बाद)- तीसरी से 5 वीं तक शुरू होंगी।
पांचवा चरण (4 हफ्ते बाद)- पहली-दूसरी की कक्षाएं शुरू होंगी।
छठवां चरण (5 हफ्ते बाद)- अभिभावकों की सहमति से ही नर्सरी-केजी की कक्षाएं शुरू की जा सकेंगी।
कंटेनमेंट जोन के स्कूल तब तक बंद ही रहेंगे, जब तक इलाका ग्रीन जोन नहीं बन जाता।
मॉर्निंग असेंबली और वार्षिकोत्सव नहीं होंगे आयोजित
डेस्क पर नाम लिखा होगा, ताकि बच्चे रोज एक ही जगह बैठ सके। हर 15 दिन में बच्चे की प्रोग्रेस पर अभिभावकों से बात करनी होगी। प्रबंधन सुनिश्चित करेगा कि कमरे रोज सैनिटाइज हो रहे हैं। इसके साथ ही कोई आयोजन नहीं होंगे। जैसे मॉर्निंग एसेंबली और वार्षिकोत्सव आदि।
बच्चों के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी
क्लास रूम में 30 या 35 बच्चे ही बिठाए जा सकेंगे। छात्रों के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी होगी। सरकार को सौंपे गए ड्राफ्ट में कहा गया है कि क्लासरूम में एसी नहीं चलेंगे। दरवाजे-खिड़कियां खुली रहेंगी।
छात्रों को ऑड-ईवन के आधार पर बुलाना होगा। लेकिन, होम असाइनमेंट रोज देना होगा।
स्कूल के बाहर किसी भी तरह के खाने-पीने के स्टाल नहीं लगेंगे। स्टाफ और छात्रों के प्रवेश करने से पहले स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी।
बच्चों के लिए होंगे यह नियम
बच्चे स्कूल में कॉपी, पेन, पेंसिल, खाना शेयर नहीं कर सकेंगे। हर बच्चों के लिए मास्क जरूरी होगा। इसके साथ ही कॉपी, पेन, पेंसिल, इरेजर आदि शेयर नहीं कर सकेंगे। छात्रों को पानी साथ लाना होगा। लंच के दौरान बच्चे अपना खाना किसी से शेयर नहीं कर सकेंगे। जो छात्र स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखेंगे, उनके अभिभावकों को सूचित किया जाएगा।
अभिभावक फ्रंटलाइन वॉरियर हैं तो बताना होगा
जो अभिभावक चिकित्सा, सुरक्षा या सफाई के कामों से जुड़े हैं, उन्हें इसके बारे में स्कूल को पहले ही सूचित करना होगा। शिक्षकों से वही मिल सकेंगे, जो फोन पर संपर्क नहीं कर सकते। पीटीएम नहीं होगी, हर 15 दिन में स्कूल से बच्चे की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर बात कर सकते हैं।
बस में एक सीट पर एक ही छात्र
एक सीट पर एक ही बच्चा बिठाना होगा। इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट को लेकर जल्द ही विस्तृत गाइडलाइन जारी होगी। एक सीट पर एक ही बच्चा बैठेगा।
हॉस्टल में भी सोशल डिस्टेंसिंग
स्कूल खोलने के बाद कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं। इसके लिए हॉस्टल को लेकर भी मानक तय किए गए हैं। क्षमता के 33% छात्र हॉस्टल में रहेंगे। बेड 6-6 फीट की दूरी पर लगेंगे। इसके साथ ही हॉस्टल में रहने वाले छात्र बाजार नहीं जा सकेंगे।