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Army Day पर PM मोदी ने tweet की भारतीय सेना का पराक्रम और शौर्य दिखातीं कुछ शानदार तस्वीरें
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मोदी ने tweet करके लिखा-"सेना दिवस के अवसर पर, विशेष रूप से हमारे साहसी सैनिकों, सम्मानित दिग्गजों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं। भारतीय सेना अपनी बहादुरी और पेशेवराना अंदाज के लिए जानी जाती है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में भारतीय सेना के अमूल्य योगदान को शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है।
मोदी ने tweet करके लिखा-भारतीय सेना के जवान प्रतिकूल इलाकों में सेवा करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं सहित मानवीय संकट के दौरान साथी नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे हैं। विदेशों में भी शांति अभियानों में सेना के शानदार योगदान पर भारत को गर्व है।
आगे देखें मोदी द्वारा शेयर की गईं कुछ अन्य तस्वीरें और पढ़िए राष्ट्रपति, रक्षामंत्री और गृहमंत्री के बयान
आर्मी डे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) ने tweet करके लिखा-सेना के जवानों और पूर्व सैनिकों को सेना दिवस की बधाई। भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रही है। हमारे सैनिकों ने सीमाओं की रक्षा और शांति बनाए रखने में व्यावसायिकता, बलिदान और वीरता का प्रदर्शन किया है। राष्ट्र आपकी सेवा के लिए आभारी है। जय हिन्द!
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Defense Minister Rajnath Singh) ने tweet किया-सेना दिवस के विशेष अवसर पर सभी भारतीय सेना कर्मियों और उनके परिवारों को बधाई और शुभकामनाएं। हमारी सेना ने देश की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता में अडिग, एक साहसी और पेशेवर बल के रूप में खुद को प्रतिष्ठित किया है। देश को भारतीय सेना पर गर्व है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) ने tweet करके लिखा- भारतीय सेना के बहादुर जवानों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को थल सेना दिवस की शुभकामनाएं। मातृभूमि की रक्षा में सदैव तत्पर वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य व सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं। देश के प्रति आपकी निःस्वार्थ सेवा,समर्पण व प्रतिबद्धता हर भारतीय हेतु प्रेरणास्रोत है।
केएम करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ था। फील्ड मार्शल करियप्पा ने 20 साल की उम्र में ब्रिटिश भारतीय सेना में नौकरी शुरू कर दी थी। करियप्पा ने 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया। उन्हें भारत-पाक स्वतंत्रता के समय दोनों देशों की सेनाओं को विभाजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
केएम करियप्पा 1953 में सेना से सेवानिवृत्त हुए। बाद में, उन्होंने 1956 तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त के रूप में काम किया। भारत सरकार ने उन्हें 1986 में 'फील्ड मार्शल' के पद से सम्मानित किया।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय आर्मी का गठन 1776 में कोलकाता में किया था, तब इस आर्मी में अंग्रेजों की संख्या अधिक और भारतीयों की कम थी, उस समय भारतीयों को अधिकारी पद पर नहीं रखा जाता था। जब करियप्पा सेना प्रमुख बने तो, भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। वहीं आज भारतीय सेना में करीब 12,00,255 सक्रिय सैनिक हैं।