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बिना गारंटी लोन, बढ़ी सैलरी, TDS कटौती...आज हुआ 6 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान, देखें किसे क्या मिला
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में पहली किस्त का ऐलान किया। इस पैकेज में MSME सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़, एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया। इसके अलावा उन्होंने बिजली कंपनियों, रियल एस्टेट, कॉम्ट्रैक्टर्स, टैक्स दाताओं के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। इसके साथ ही अब सरकार तीन महीने तक 15000 से कम सैलरी पाने वाले संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों का पीएफ जमा करेगी। इसके अलावा वित्त मंत्री ने 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की तारीख 30 नवंबर बढ़ाने की भी जानकारी दी। पहले दिन वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज में करीब 6 लाख करोड़ रुपए की योजनाओं का ऐलान किया।
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MSME सेक्टर के लिए बड़े ऐलान: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया, हम गरीबों, जरूरतमंदों, प्रवासियों, दिव्यांगों और वृद्धों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा, मध्यम सूक्ष्म, लघु और कुटीर, गृह उद्योग में करीब 12 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है। इसमें MSME सेक्टर को 3 लाख करोड़ का कोलैट्रल फ्री लोन दिया जाएगा।
इसमें कोई गारंटी नहीं देनी होगी। यह चार साल के लिए रहेगा। यह लाभ उन उद्योगा को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ रुपए से कम हो और टर्नओवर भी 100 करोड़ से ज्यादा ना हो।
इससे 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा। MSME को 1 साल तक ईएमआई से राहत, 25,00 करोड़ तक वाले एमएसएमई को फायदा।
वित्त मंत्री ने कहा, जो MSME अच्छा कर रहे हैं और विस्तार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। उनके लिए फंड्स ऑफ फंड्स का शुरुआत की जा रही है। इससे MSME को विस्तार करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा संकट में फंसे 2 लाख एमएसएमई को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।
अब माइक्रो इंडस्ट्री 25 लाख से बढ़कर 1 करोड़ रुपए निवेश कर सकती हैं। स्माल इंडस्ट्री 10 करोड़ तक का निवेश कर सकेंगी।
लोकल उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया।
इसके अलावा संकट में फंसे 2 लाख एमएसएमई को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा, 30,000 करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लॉन्च की जा रही है। एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी रकम में जोड़ा गया है।
इनकी गारंटी भी सरकार देगी। इसके अलावा एनबीएफसी को 45,000 करोड़ रुपए की आंशिक क्रेडिट गारंटी एनबीएफसी को दी जाएगी।
ठेकेदारों को बड़ी राहत : सभी केंद्रीय एजेंसियों के ठेकेदारों के कॉन्ट्रैक्ट 6 महीने बिना किसी लागत के बढ़ा दिए गए हैं। इससे उन्हें निर्माण और माल और सेवाओं के अनुबंधों को पूरा करने के लिए समय मिलेगा।
बिजली कंपनियों के लिए: राहत पैकेज में बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, बिजली वितरण कंपनियों की आय में कमी आई है। ये पैसा सरकारी कंपनियों पीएफसी, आरईसी के माध्यम से दिए जाएंगे।
नौकरी करने वाले कर्मचारियों के हाथ में मिलने वाली सैलरी बढ़ सके, इसके लिए सरकार पीएफ कंट्रीब्यूशन को 12% से घटाकर 10% करने जा रही है। यह तीन महीने के लिए होगा।
केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों का पीएफ 12% ही कटता रहेगा। यह उन कर्मचारियों के लिए रहेगी, जो गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत नहीं आए हैं।
वित्त मंत्री ने बताया, पिछले गरीब कल्याण पैकेज के दौरान तीन महीने तक सरकार ने कर्मचारी और कंपनी की ओर से ईपीएफ जमा करने का फैसला किया था। अब इसे 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके लिए सरकार 2500 करोड़ रुपए जारी करेगी। इसका लाभ 3.67 लाख कंपनियों और 72 लाख कर्मचारियों को होगा। यह लाभ 15,000 से कम वेतन पाने वाले लोगों को होगा।
लोकल उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया।
टीडीएस-टीसीएस में कटौती: इसके अलावा लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। इससे करीब 55 हजार करोड़ की लिक्विडिटी बढ़ेगी। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा, चाहे वह कमीशन हो या ब्रोकरेज हो या अन्य पेमेंट। यह 13 मई से मार्च 2021 तक लागू रहेगी।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ी: वित्त मंत्री ने टैक्स जमा करने के मामले में बढ़ी राहत दी है। अब 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की तारीख 30 नवंबर तक हो गई है। इससे पहले यह 31 जुलाई फिर 31 अक्टूबर की गई थी।