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बारिश में भीग गए बिस्तर और अनाज...पर नहीं टूटा हौसला, किसान बोले- जारी रहेगा आंदोलन
नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। कड़कड़ाती ठंड और कोहरे समेत कई मुसीबतों के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर किसी डटे हुए हैं। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के लिए रविवार की सुबह भी मुश्किलों भरी रही। राजधानी दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई। ऐसे में पहले ही कंपकपाने वाली ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों को ठंडी बौछारों का भी सामना करना पड़ा। आंदोलनकारियों ने जैसे-तैसे ट्रालियों और तिरपाल के नीचे छिपकर अपना बचाव किया। शनिवार को हुई बारिश के बाद किसानों के बिस्तर और अनाज भी भीग गए।
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मीडिया से बातचीत में एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया, तिरपाल और जो कुछ भी हम लेकर आए हैं उसी से ठंड और बारिश से अपना बचाव कर रहे हैं। दिल्ली में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के चलते मौसम काफी ठंडा हो गया है।
किसानों ने बताया कि बारिश के कारण हालात इतने बिगड़ गए हैं कि किसानों को खाने-पीने की चीजों को बचाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि, किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को मान लेगी।
मौसम विभाग ने रविवार सुबह कहा दक्षिण दिल्ली के आयानगर, डेरामंडी, तुगलगाबाद और हरियाणा के कुछ जिलों में तूफान के साथ बिजली और हल्की बारिश की संभावना है। इसके साथ ही विभाग ने राजधानी में राहत की संभावना जताई है। विभाग ने कहा कि आने वाले 2-3 दिनों में न्यूनतम तापमान बढ़कर 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
खराब मौसम के चलते सोनीपत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कार्यकर्ता पूरे दिन सिंघु बॉर्डर पर कचरा और कीचड़ साफ करते नजर आए। कॉर्पोरेशन के 30 कर्मियों को सिंघु सीमा पर कचरा और सड़क साफ करने के लिए तैनात किया गया है। वहीं, इन कर्मियों का कहना था कि मशीनों की कमी के चलते काम करना काफी मुश्किल हो रहा था।
संगठन के नेताओं के भाषण सुनने बैठे किसानों के गद्दे पूरी तरह भीग गए। वहीं, इसके चलते सीमाओं पर दिन भर के तय कार्यक्रमों को टालने की नौबत आ गई। इसके अलावा सिंघु, टिकरी, यूपी गेट और चिल्ला सीमाओं पर किसानों के लिए तैयार हो रहे खाने की व्यवस्था में भी असुविधा हुई। राशन और खाने की दूसरी चीजें रखे तंबुओं में पानी घुस गया, जिसकी वजह से खाने की प्रक्रिया में देरी हुई।