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चमोली में फटा ग्लेशियर, तबाही ने दिलाई 7 साल पुराने प्रलय की याद, तस्वीरों में देखें भयानक मंजर
चमोली. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। राज्य के डीजीपी के मुताबिक ग्लेशियर फटने से 50 से ज्यादा लोग बह गए हैं। सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में चमोली का भयानक मंजर कैद हो चुका है, जो कि कहीं ना कहीं केदारनाथ में घटित 2013 की घटना को याद दिलाता है, आज से सात साल पहले इस घटना में भी जान-माल की हानि हुई थी। चमोली की इस घटना में लापता 50 लोगों के लिए रेस्क्यू टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। इसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा आईटीबीपी और सेना की मदद ली जा रही है। वहीं, निचले इलाकों को तेजी से खाली कराया जा रहा है।
| Published : Feb 07 2021, 02:28 PM IST / Updated: Feb 07 2021, 02:52 PM IST
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ये ग्लेशियर उत्तराखंड के चमोली में फटा है और इससे ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। साथ ही कई घरों के बहने की भी आशंका जताई जा रही है।
जोशीमठ के एडीएम अनिल चान्याल के हवाले से बताया जा रहा है कि पानी की रफ्तार बहुत तेज है और कई गांवों से संपर्क भी टूट गया है।
ग्लेशियर फटने के बाद जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी के हवाले से बताया जा रहा है कि नदी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो चुकी है, जो बह रही है। आस-पास के गांवों को जल्द से जल्द खाली कराया जा रहा है और कई लोगों के घायल होने की भी खबर है।
चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपर वाले हिस्से में ये ग्लेशियर टूटा है, जिस कारण यहां पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान पहुंचा है।
ग्लेशियर की तबाही के साथ तपोवन में बैराज को भी क्षति पहुंचने की जानकारी मिली है। प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। अभी वहां स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।
बताया जा रहा है कि चमोली के निचले इलाकों में आईटीबीपी के 200 से ज्यादा जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है। SDRG की 10 टीमें भी मौके पर पहुंच चुकी हैं।
हरिद्वार, ऋषिकेष और श्रीनगर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद राहत बचाव कार्यों की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।