ट्रायल में ये वैक्सीन चल रहीं सबसे आगे, जानिए कब मिलेगा कोरोना वायरस से छुटकारा
नई दिल्ली. पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में है। अब तक 1.41 करोड़ केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 5.9 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लगातार बढ़ रहे मामले देख, लोगों के मन में बस यही सवाल है कि आखिर कब इस महामारी से छुटकारा मिलेगा। हालांकि, हाल ही में कुछ देशों द्वारा वैक्सीन बनाने को लेकर किए गए दावों से लोगों के मन में उम्मीद जरूर जगी है, आईए जानते हैं कि कौन कौन से देशों को वैक्सीन बनाने में कहां तक सफलता मिली है?
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कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन की खोज में दुनिया के तमाम देश जुटे हैं। कई वैक्सीन का ट्रायल एडवांस्ड स्टेज में भी पहुंच गया है। भारत में बनाई जा रही बायोटेक और आईसीएमआर की कोरोना वैक्सीन Covaxin का फेज 1 और फेज 2 में ट्रायल शुरू हो गया है। शुरुआती डोज देने के बाद वालंटियर्स में किसी तरह के साइड इफेक्ट्स भी देखने को नहीं मिले हैं।
वहीं, वैश्विक स्तर पर देखें तो चीन की कंपनी साइनोफार्म की वैक्सीन मानव परीक्षण के तीसरे स्टेज पर पहुंच गई है। दावा किया जा रहा कि यह तीसरे स्टेज में पहुंचने वाली पहली वैक्सीन है।
रूस में सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने बनाई वैक्सीन
रूस के सेचेनोव यूनिवर्सिटी (Sechenov First Moscow State Medical University) की वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में सफल पाई गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, वैक्सीन को 38 वालंटियर्स पर क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया था। साथ ही इसके ट्रायल रूस की सेना भी सरकारी गमलेई नेशनल रिसर्च सेंटर में भी किए थे। सेंटर के हेड अलेक्जेंडर ने बताया कि उम्मीद है कि सिविल सर्किलेशन के लिए यह वैक्सीन 12-14 अगस्त तक आ जाएगी। उनके मुताबिक, प्राइवेट कंपनियां सितंबर में बड़े पैमाने पर इसका प्रोडक्शन शुरू कर देंगी।
तीसरे ट्रायल में पहुंची चीन की ये वैक्सीन
चीन की साइनोफार्म की वाक्सीन का तीसरा ट्रायल शुरू हो गया है। इसके तहत अबू धाबी में 15000 लोगों को पहली डोज दे दी गई है। तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल को बहुत ही सख्त नियमों के तहत कराया जा रहा है। चीनी कंपनी का दावा है कि 28 दिन के अंदर दो बार इस वैक्सीन की डोज देने पर 100% लोगों में एंडीबॉडी डेवलप हुए हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को मिल सकती है सफलता
उधर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना वैक्सीन की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्हें जल्द ही कोरोना वैक्सीन बनाने में सफलता मिल सकती है। यहां हुए शुरुआती ट्रायल में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन दोहरी सुरक्षा उपलब्ध कराने में कामयाब हुई है। ऐसे में इस वैक्सीन को लेकर लोगों की उम्मीद काफी बढ़ गई हैं।
ब्रिटेन की एक और वैक्सीन से हैं लोगों को उम्मीद
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के अलावा लंदन के इंपीरियल कॉलेज की वैक्सीन भी ह्यूमन ट्रायल में दूसरे चरण में है। वैक्सीन ने अच्छा प्रभाव दिखाया है। ट्रायल के दूसरे फेज में इस वैक्सीन की 18 से 75 साल की उम्र के 105 लोगों को डोज दी जाएगी। इसके चार हफ्ते बाद सभी को बूस्टर डोज दिया जाएगा। तीसरे ट्रायल में 6000 लोगों पर टेस्ट किया जाना है।