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भारत में बनेगी कोरोना के इलाज में मददगार ये दवा, 5 दिन में संक्रमित मरीजों पर दिखने लगता है असर
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों के बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है। कोरोना के इलाज में मददगार मानी जा रही रेमडेसिविर दवा अब भारत में भी मिलेगी। इसके लिए भारत की दो फार्मा कंपनियों ने रेमडेसिविर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया है। रेमडेसिविर दवा को अमेरिका में कोरोना वायरस पर काफी असरदार माना जा रहा है। भारत में कोरोना के अब तक 74 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। अब तक करीब 2400 लोगों की मौत हो चुकी है।
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भारत में सिपला और जुबिलैंट लाइफ साइंसेज ने रेमडेसिविर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी के साथ करार किया है। अब ये कंपनियां भारत समेत दुनिया के 127 देशों में रेमडेसिविर दवा बेच सकेंगी। इतना ही नहीं ये कंपनियां दवा के उत्पादन के बाद अपने ब्रांड का नाम भी इस्तेमाल कर सकेंगी।
रेमडेसिविर एक जेनेरिक दवा है, इसलिए इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं है। ऐसे में यह भारत के लिए राहत ला सकती है। इस दवा को भारत में कितने रुपए का बेचा जाएगा, ये दोनों कंपनियां तय करेंगी।
हाल ही में रेमडेसिविर का अमेरिका में ट्रायल पूरा हुआ है। अमेरिका में इबोला वायरस के मरीजों के लिए बनाई गई रेमडेसिवीर दवा कोरोना के संक्रमण को रोकने में मददगार साबित हुई है। इसके साथ ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्टर एंथनी फाउसी ने ट्रायल के बाद कहा था, 'आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्पष्ट, प्रभावी और सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।'
ट्रायल में 50 फीसदी मरीजों को हुआ फायदा
बताया जा रहा है कि जिन लोगों को रेमेडेसिविर दवा दी गई उन्हें औसतन 11 दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि, उनके सेहत में सुधार 5 दिन की दवा देने के बाद ही दिखने लगा था। इससे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के एंथनी फॉसी ने बताया था कि यह दवा गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में कारगर होगी।
इतना ही नहीं अमेरिका में जितने मरीजों को यह दवा दी गई, उनमें 50% लोगों के सेहत में सुधार देखने को मिला। यह दवा लिक्विड फॉर्म में होती है, इसे नसों के जरिए शरीर में इंजेक्ट किया जाता है।
आईसीएमआर ने भी दवा को कारगार बताया: रेमेडेसिविर को अभी तक जहां भी इस्तेमाल किया गया, वहां संक्रमितों की सेहत में सुधार देखने को मिला। इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भी इस दवा को कोरोना के खिलाफ कारगार बताया है। इस दवा में साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।