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जानें इन 6 देशों में राष्ट्रपति शपथ ग्रहण को लेकर हैं क्या-क्या परंपराएं, एक जगह तो मिलती हैं ये 2 चीजें
President Oath Taking Ceremony: द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। उन्हें 25 जुलाई को संसद के सेंट्रल हॉल में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बता दें कि भारत में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं होता है। बल्कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति को चुनते हैं। राष्ट्रपति को शपथ के बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है। बता दें कि भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल होता है। भारत का राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेता है और ये अब एक परंपरा बन चुकी है। लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण को लेकर क्या-क्या परंपराए हैं, आइए जानते हैं।
| Published : Jul 25 2022, 12:57 PM IST / Updated: Jul 25 2022, 01:00 PM IST
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इंडोनेशिया :
वर्तमान राष्ट्रपति : जोको विडोडो
इंडोनशिया में भी सरकार की सारी पावर राष्ट्रपति के पास ही होती है। लेकिन वहां राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा होता है। यहां भी कोई व्यक्ति सिर्फ दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है। शपथ ग्रहण के दौरान राष्ट्रपति के पास एक शख्स उनकी धार्मिक किताब लिए मौजूद रहता है। बता दें कि फिलहाल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो हैं।
तंजानिया :
वर्तमान राष्ट्रपति : सामिया सुलुहू हसन
तंजानिया में राष्ट्रपति ही देश का सबसे पावरफुल शख्स होता है। इसके अलावा यहां कोई भी शख्स अधिकतम सिर्फ दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है। तंजानिया में शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति को भाला और ढाल दिया जाता है। भाला और ढाल मसाई जनजाति का प्रमुख हथियार होता है, जिसे लीडरशिप और आर्म्ड फोर्स का प्रतीक माना जाता है।
फिलीपींस :
वर्तमान राष्ट्रपति : बोंगबोंग मार्कोस
फिलीपींस में भी राष्ट्रपति हेड ऑफ स्टेट और हेड ऑफ गवर्नमेंट होता है। यहां भी राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता करती है। हालांकि, यहां के राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल का होता है। यहां के राष्ट्रपति शपथ ग्रहण के दौरान अनानास के पत्तों से बनी एक खास ट्रेडिशनल शर्ट पहनकर शपथ लेते हैं। यह फिलीपींस की नेशनल ड्रेस है, जिसे बैरोंग तैगालोग कहते हैं।
फ्रांस :
वर्तमान राष्ट्रपति : इमैनुएल मैक्रों
फ्रांस में भी राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता करती है। 22 साल पहले यानी 2000 तक वहां के राष्ट्रपति का कार्यकाल 7 साल का था। लेकिन अब इसे घटाकर 5 साल कर दिया गया है। खास बात ये है कि फ्रांस का राष्ट्रपति कोई ऑफिशियल शपथ नहीं लेता। बल्कि कॉन्स्टिट्यूशनल काउंसिल के चेयरमैन द्वारा घोषणा के बाद ही राष्ट्रपति का कार्यकाल शुरू हो जाता है।
रूस :
वर्तमान राष्ट्रपति : व्लादिमीर पुतिन
रूस में भी राष्ट्रपति को सीधे देश की जनता ही चुनती है। यहां भी राष्ट्रपति काफी पावरफुल होता है। रूस के राष्ट्रपति को कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट का चेयरमैन पद और गोपनीयता की शपथ दिलाता है। यहां शपथ ग्रहण करते वक्त राष्ट्रपति को एक सोने की चेन दी जाती है। शपथ लेते समय राष्ट्रपति अपना दायां हाथ संविधान पर रखते हुए शपथ लेता है।
अमेरिका :
वर्तमान राष्ट्रपति : जो बाइडेन
अमेरिका में भी राष्ट्रपति ही हेड ऑफ गवर्नमेंट होता है। लेकिन अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता नहीं कर सकती है। दरअसल, यहां अमेरिकी जनता सबसे पहले स्थानीय तौर पर एक इलेक्टर का चुनाव करती है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का प्रतिनिधि होता है। इलेक्टर ही राष्ट्रपति को चुनते हैं। इसके समूह को इलेक्टोरल कॉलेज कहा जाता है, जिसमें कुल 538 सदस्य होते हैं जो अलग-अलग राज्यों से आते हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 270 से अधिक इलेक्टर्स के समर्थन की जरूरत होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल का होता है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति हाथ में बाइबिल लेकर शपथ लेते हैं। ये एक परंपरा है, जिसे जॉर्ज वॉशिंगटन ने शुरू किया था।
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