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द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की 15वीं राष्ट्रपति, जानें अब तक के 14 राष्ट्रपतियों के बारे में सबकुछ
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डॉ. राजेंद्र प्रसाद
डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) भारत के पहले राष्ट्रपति बने थे। वो देश में सबसे ज्यादा समय तक राष्ट्रपति रहे। डॉ. प्रसाद भारत के एकमात्र राष्ट्रपति थे, जिन्होंने दो कार्यकालों तक राष्ट्रपति पद पर काम किया। वे संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे। 1962 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) देश के दूसरे राष्ट्रपति बने। उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1954 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
डॉ. जाकिर हुसैन
डॉ. जाकिर हुसैन (Zakir Husain) भारत के तीसरे और देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने। डॉ. जाकिर हुसैन ने जब राष्ट्रपति पद की शपथ ली, तब उनकी उम्र 70 साल थी। पद पर रहते हुए ही इनका निधन हो गया था। इन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
वराहगिरी वेंकट गिरी (वीवी गिरी)
भारत के चौथे राष्ट्रपति वराहगिरी वेंकट गिरी यानी वीवी गिरी (VV Giri) चुने गए। वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद पर भी कार्य कर चुके थे। वे 75 साल की उम्र में राष्ट्रपति बने। उन्हें साल 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
फखरुद्दीन अली अहमद
फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) देश के पांचवे राष्ट्रपति बने। वह दूसरे ऐसे राष्ट्रपति थे, जिनका निधन पद पर रहते ही हो गया था। उनके निधन के बाद बीडी जत्ती को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था।
नीलम संजीव रेड्डी
नीलम संजीव रेड्डी भारत के छठे राष्ट्रपति बने। द्रौपदी मुर्मू से पहले वो भारत के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति भी रहे। राष्ट्रपति बनने से पहले वे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे। हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन दूसरी बार में वो चुनाव जीतकर सर्वोच्च पद पर पहुंचे।
ज्ञानी जैल सिंह
ज्ञानी जैल सिंह (Zail Singh) भारत के 7वें और देश के पहले सिख राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने से पहले वे पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रह चुके थे। वह पहले और एकमात्र राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने पॉकेट वीटो का इस्तेमाल किया। यह वीटो उन्होंने भारतीय डाक घर से संबंधी विधेयक के लिए किया था।
आर. वेंकटरमण
आर. वेंकटरमण (Ramaswamy Venkataraman) भारत के 8वें राष्ट्रपति बने। वो देश के ऐसे राष्ट्रपति रहे, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलाई थी। राष्ट्रपति बनने से पहले वह 1984 से 87 तक भारत के उपराष्ट्रपति भी रहे थे। वे वकील, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे।
डॉ. शंकर दयाल शर्मा
डॉ. शंकर दयाल शर्मा (Shankar Dayal Sharma) भारत के 9वें राष्ट्रपति बने। अपने राष्ट्रपति पद से पहले वे देश के आठवें उप राष्ट्रपति थे। इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने उनकी लीगल प्रोफेशन में उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें 'लिविंग लीजेंड ऑफ लॉ अवॉर्ड ऑफ रिकग्निशन' से सम्मानित किया था।
के.आर. नारायणन
केआर नारायणन (KR Narayanan) भारत के 10वें और देश के पहले दलित राष्ट्रपति थे। वह पहले मलयाली व्यक्ति थे, जो देश के सर्वोच्च पद पर काबिज हुए। उनके नाम कई उपलब्धियां रहीं। लोकसभा चुनाव में मतदान करने वाले और राज्य की विधानसभा को संबोधित करने वाले नारायणन पहले राष्ट्रपति थे।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) भारत के 11वें और देश के पहले वैज्ञानिक राष्ट्रपति बने। उन्हें 'मिसाइल मैन' के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। 1997 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
प्रतिभा पाटिल
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devisingh Patil) भारत की 12वीं और देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। राष्ट्रपति बनने से पहले वो राजस्थान की राज्यपाल भी रह चुकी थीं। 1962 से 1985 तक पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं। 1991 में अमरावती से लोकसभा चुनाव जीतीं थीं। प्रतिभा पाटिल सुखोई विमान उड़ाने वाली पहली महिला राष्ट्रपति भी हैं।
प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) देश के 13वें राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने से पहले वह केंद्रीय वित्त मंत्री रहे। उन्हें 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला। साल 2008 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया।
रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) भारत के 14वें राष्ट्रपति बने। उनका कार्यकाल 25 जुलाई, 2022 को खत्म हो रहा है। राष्ट्रपति बनने से पहले कोविंद बिहार के राज्यपाल भी रहे हैं। राज्यपाल रहते उन्होंने विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया था। जो उनकी बड़ी उपलब्धि है।