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पहली बार महिला सेना अधिकारी ने किया परेड का नेतृत्व, तिरंगे को सैल्यूट करती दिखीं पायलट भावना कांत
नेशनल डेस्क. पूरा देश आज आज 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस मना रहा है। सोशल मीडिया पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं भेज रहे हैं तो साथ ही मोबाइल/टीवी पर ऐतिहासिक परेड का भी आनंद ले रहे हैं। हर साल की यूं तो इस साल भी देश में गणतंत्र दिवस परेड निकाली गई है लेकिन इस बार ये कुछ खास है। इस 72वें गणतंत्र दिवस पर पहली बार महिला सेना अधिकारी ने परेड को नेतृत्व किया है। भावना गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारतीय वायुसेना के IAF Tableaux दल का हिस्सा बनीं। भारतीय वायुसेना की फाइटर पायलट भावना कांत परेड को लीड कर रही हैं। परेड में अपने फायटर प्लेन के साथ वो तिरंगे को सैल्यूट करती दिखीं। पायलट दल में शामिल की गई वह तीसरी महिला हैं। इस साल निकाले जाने वाली परेड का वह हिस्सा बनेंगी, जिसका थीम 'मेक इन इंडिया' है।
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भावना कांत वर्तमान में राजस्थान एयरबेस में तैनात हैं और मिग -21 बाइसन लड़ाकू विमान उड़ाती हैं जो भारतीय वायु सेना (IAF) की झांकी का हिस्सा है।
भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट दल में शामिल तीन महिलाओं में से एक हैं। वह अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह के साथ 2016 में वायुसेना में शामिल हुईं।
बता दें कि इस साल गणतंत्र दिवस पर भारतीय वायुसेना, एलसीए तेजस, लाइट कॉमबैट हेलिकॉप्टर, रोहिणी राडार, आकाश मिसाइल और सुखोई 30 एमकेआई का प्रदर्शन करेगी।
नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हैं भावना कांत
बिहार के बऊर गांव की रहने वाली भावना कांत ने परेड में शामिल होने का गौरव पाकर खुशी जाहिर की। उनके पिता इंजीनियर हैं, जो कि रिफाइनरी टाउनशिप में कार्य करते हैं। अगर भावना की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने बरौनी रिफाइरी डीएवी पब्लिक स्कूल से की है। आगे की पढ़ाई के लिए वह बेंगलुरू चली गई। जहां पर उन्होंने बीएमएस कॉलेज से इंजीनियरिंग की। वर्ष 1992 को को भावना का जन्म हुआ। इस वक्त उनकी आयु 28 साल की है। पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया था।
परेड में शामिल होने पर भावना ने कहा कि वे राफेल और सुखोई के साथ अन्य लड़ाकू विमान उड़ाना भी पसंद करेंगी। भावना गणतंत्र दिवस पर इस अवसर के मिलने से बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा था - ''हर साल मैं गणतंत्र दिवस की परेड टीवी पर देखती थी। अब मैं खुद इस परेड का हिस्सा बनूंगी। ये मेरे लिए गर्व की बात है>''
जब प्लेन उड़ाते वक्त घबराई थीं भावना
भावना 20 हजार फीट की ऊंचाई पर प्लेन को स्पिन कराने का अनुभव बताती हैं। वो डर रही थीं कि अगर प्लेन ठीक से नहीं स्पिन हुआ तो क्या होगा?