MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • National News
  • 1954 से जून 2020: सिर्फ गलवान ही नहीं, इन 14 मौकों पर चीन ने सीमा पर दिखाई चालबाजी

1954 से जून 2020: सिर्फ गलवान ही नहीं, इन 14 मौकों पर चीन ने सीमा पर दिखाई चालबाजी

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच पिछले 1.5 महीने से चला आ रहा विवाद चरम पर है। यह विवाद 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद और बढ़ गया है। हालांकि, शुरुआत से ही दोनों देश इसे बातचीत से हल करने की बात कह रहे हैं। इसे लेकर दोनों देशों के बीच कई स्तर की बातचीत भी हुई। लेकिन इन्हीं बातचीत की आड़ में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला किया। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। वहीं, चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है। गलवान में पहला मौका नहीं है, जब चीन ने भारत को धोखा दिया हो। हम ऐसे ही 14 मौके बता रहे हैं, जब चीन ने 1962 से लेकर 2020 तक भारत के खिलाफ चालबाजी की।

5 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jun 18 2020, 12:04 PM IST| Updated : Jun 18 2020, 12:11 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
114

1- 1954 में दिखाई पहली बार चालबाजी
भारत और चीन के 1950 से राजनयिक संबंध हैं। लेकिन चीन ने पहली बार चालबाजी 1954 में दिखाई। जब चीन की एक किताब अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न चाइना में छपे नक्शे में लद्दाख को अपना हिस्सा बताया गया। इसके बाद 1958 में चीन से निकलने वाली दो मैगजीन चाइना पिक्टोरियल' और 'सोवियत वीकली' में भी भारत के कुछ हिस्सों को चीन के नक्शे में दिखाया गया। जब भारत ने इसका विरोध किया तो चीन ने कहा, ये नक्शे पुराने हैं। अभी सरकार के पास इन्हें ठीक कराने का वक्त नहीं है। 

214

2- 1954 में ही घुसपैठ शुरू की
चीन ने 1954 में उत्तर प्रदेश के बाराहोती को अपना इलाके बताते हुए, भारतीय सैनिकों की तैनाती पर आपत्ति जताई। उस समय उत्तराखंड नहीं था। बाराहोती को लेकर चीन ने कहा, वह इस हिस्से को वू जी नाम से बुलाता है। तभी से चीन ने भारत में घुसपैठ शुरू की। 
 

314

3- 1958 अरुणाचल प्रदेश के इलाकों पर कब्जा
चीनी सैनिकों ने 1956 में अरुणाचल प्रदेश शिपकी ला इलाके में घुसपैठ की। जुलाई 1958 में चीनी सैनिकों ने खुरनाक किले (लद्दाख के पास) पर कब्जा कर लिया। 1958 में चीन अरुणाचल प्रदेश के लोहित फ्रंटियर डिविजन के अंदर तक आ गया। भारत ने हर बार आपत्ति जताई। 

414

4- भारतीय हिस्से में बनाई सड़क
1958 में भारत को जब समाचार पत्र के माध्यम से पता चला कि चीन ने शिंजियांग से लेकर तिब्बत के बीच हाईवे बनाया। यह सड़क भारतीय हिस्से से भी गुजरी थी। इसकी जांच करने के लिए जब भारत ने अपनी दो टीमें भेजी तो चीन ने एक टीम को बंधक बना लिया। इस पर जब भारत ने आपत्ति जताई तो चीन का जवाब आया कि सड़क चीनी इलाके में बनाई गई है। 

514

5- 1959: मैकमोहन रेखा को मानने से इंकार किया
1914 में ब्रिटेन, चीन और तिब्बत के बीच मैकमोहन लाइन तय हुई थी। तत्कालीन विदेश सचिव सर हेनरी मैकमोहन ने ब्रिटिश इंडिया और तिब्बत के बीच 890 किमी लंबी सीमा खीची थी। मैकमोहन रेखा में अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा बताया गया था। चीनी राष्ट्रपति झोऊ इन लाई ने 1959 में जवाहर लाल नेहरू को लिखे पत्र में कहा कि वह मैकमोहन रेखा को नहीं मानता। चीन ने दावा कि अरुणाचल तिब्बत का दक्षिण हिस्सा है और तिब्बत पर उसका कब्जा है, इसलिए अरुणाचल भी उसका है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि ब्रिटिश काल में जो तया हुआ था, भारत उसे ही मानेगा। (भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और चीन के पहले राष्ट्रपति झोऊ इन-लाई। )

614

6- बातचीत की आड़ में छेड़ा युद्ध
चीन ने भारत के सामने 1961 में एक व्यापारिक समझौता पेश किया था। भारत ने साफ कर दिया था कि जब तक चीन 1954 की स्थिति में नहीं आता और अपनी सेना वापस नहीं लेता, तब तक भारत हस्ताक्षर नहीं करेगा। 1962 में चीन ने प्रस्ताव दिया कि अगर भारत व्यापारिक समझौते के लिए तैयार होता है तो उसकी सेना 20 किमी पीछे हो जाएगी। भारत इस पर तैयार हो गया। लेकिन चीन के सैनिकों और भारत के सैनिकों में झड़प हो गई। दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ। 22 नवंबर 1962 को युद्धविराम हुआ। (1962 के युद्ध में महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी गई थी, ताकि जरूरत पड़ने पर वे अपने देश की रक्षा कर सकें।)

714

7- भारतीय दूतावास को सीज कर दिया
13 जून 1967 को भारत और चीन के राजनयिक संबंध खराब हुए। चीन ने भारतीय दूतावास में काम कर रहे 2 अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया। साथ ही दूतावास को भी सीज कर दिया। इधर भारत ने भी चीनी दूतावास को सीज कर दिया था। बाद में चीन ने भारतीय अफसरों को छोड़ा।

814

8- 1962 में दोनों देशों के बीच युद्ध विराम हुआ था। लेकिन चीन ने 1967 में फिर फायरिंग और गोलाबारी की। 11 सितंबर 1967 को चीन ने तिब्बत-सिक्किम सीमा पर नाथूला में मोर्टार दागे। इतना ही नहीं चीन ने 4 दिन बाद भारतीय सैनिकों के शवों को वापस दिया। इसके अलावा छोला में भी चीन और भारतीय सैनिकों की लड़ाई हुई। हालांकि, चीन को दोनों जगहों पर मुंह की खानी पड़ी। नाथूला में भारत के 88 जवान शहीद हुए, जबकि चीन के 300 सैनिक मारे गए। वहीं, छोला में चीन के 40 सैनिकों की जान गई थी। 

914

9- 1975 में भारत के 4 जवान शहीद
1975 में अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना ने भारतीय सेना पर फायरिंग की। इसमें भारत के 4 जवानों की मौत हो गई थी।

1014

10- 1999: पाकिस्तान के साथ मिलकर करगिल युद्ध के दौरान चीन ने पैंगोंग शो झील के किनारे 5 किमी लंबी सड़क बनाई। इसे लेकर दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई।

1114

11- 2000 : चीन ने एलएसी का उल्लंघन किया। लद्दाख के अक्साई चीन इलाके में भारतीय सीमा के अंदर सड़क और बंकर बनाए। 

1214

12- 2013 : चीन की सेना ने लद्दाख के दीपसंग घाटी में घुसपैठ की। बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव खत्म हुआ। अक्टूबर में दोनों देशों के बीच बॉर्डर डिफेंस को ऑपरेशन अग्रीमेंट हुआ। 

1314

13- 2014: लद्दाख के चुनार में चीनी सैनिकों ने सड़क बनाने की कोशिश की। पीएम मोदी ने यह मुद्दा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने उठाया था। बाद में यह मुद्दा हल हुआ। 

1414

14- 2017: डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद हुआ था। भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर भूटान सीमा के करीब चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोका था। यह विवाद 16 जून को शुरू हुआ था। यह अगस्त तक चला। बाद में दबाव के चलते चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार हुए। 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved