MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • National News
  • पहले गैंगरेप, फिर आरा मशीन से कर दिए 2 टुकड़े.. 1990 हो या 2020, कश्मीरी पंडितों के हरे हैं जख्म

पहले गैंगरेप, फिर आरा मशीन से कर दिए 2 टुकड़े.. 1990 हो या 2020, कश्मीरी पंडितों के हरे हैं जख्म

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में बौखलाए आतंकियों ने कश्मीर पंडित सरपंच की गोली मार कर हत्या कर दी। सरपंच और कांग्रेस के सदस्य अजय पंडित की हत्या घर से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर हुई। इस घटना ने एक बार फिर कश्मीर में पंडितों पर अत्याचार की यादों को ताजा कर दिया है। कश्मीर में 1990 में कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम हुआ था। उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया था। इस घटना ने कश्मीरी पंडितों के उन जख्मों को फिर से हरा कर दिया है, जो उन्हें 30 साल पहले यानी 1990 में मिले थे। 

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jun 10 2020, 12:37 PM IST| Updated : Jun 12 2020, 07:19 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
110

इस घटना पर अभिनेता अनुपम खेर समेत तमाम लोगों ने दुख और गुस्सा जाहिर किया है। अनुपम खेर ने कहा, अब तक कश्मीर में 5 लाख पंडितों को बाहर निकाला जा चुका है। उनकी हत्या की जाती है, उनकी महिलाओं का रेप किया जाता है। ताकि वे पलायन करने के लिए मजबूर हो सकें। 

210

ताजा हुईं 1990 की यादें
साल 1990 को कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग प्रलय के तौर पर देखते हैं। वे उन खौफनाक पलों को यादकर आज भी सिहर जाते हैं। 1990 में कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों कश्मीर घाटी से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया था। मस्जिदों से उनके खिलाफ फतवे जारी किए गए थे। (सरपंच अजय पंडित के शव पर बिलखते परिजन।)

310

महिलाओं से सामुहिक दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उन्हें घाटी से भागकर देश के अन्य भागों में आना पड़ा था। जहां वे आज भी अपने देश में शरणार्थियों के तौर पर रह रहे हैं। कश्मीरी पंडित बताते हैं कि उनके पास उस वक्त सिर्फ तीन विकल्प थे, इस्लाम कबूल करो, मारे जाओ या कश्मीर छोड़कर चले जाओ। इस बात का जिक्र कई बार अनुपम खेर ने भी किया है।

410

कश्मीर घाटी में पंडितों के साथ जुर्म की हर हद को पार कर दिया था। इसका खुलासा कई किताबों और लेखों में कश्मीरी पंडितों ने खुद किया है। पिछले दिनों कश्मीरी कॉलमिस्ट, राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने अमेरिका संसद में भी इन अत्याचारों का जिक्र किया था।

510

उस लड़की की कहानी, जिसे गैंगरेप के बाद आरी से काट दिया गया
19 जनवरी 1990 से कश्मीर में हिंदुओं का पलायन शुरू हुआ था। गिरिजा टिक्कू नाम की लड़की 4 जून 1990 को बांदीपुरा से त्रहगाम, कुपवाड़ा में अपने स्कूल के लिए निकली थी। यहां वह लैब असिस्टेंट थी। शाम को लौटने में देर हुई तो वह टिक्कर में अपने रिश्तेदारों के घर रुक गई। यहां उसका आतंकियों ने अपहरण कर लिया। 

610

चार आतंकियों ने उसे दूसरी जगह ले जाकर चार दिनों तक रेप किया। इसके बाद उसे आरा मशीन से काटकर दो टुकड़ों में काट दिया था।  25 जून 1990 को उसका कटा हुआ शव कुत्तों के खाने के लिए फेंक दिया गया। इस शव को देखकर हर किसी की चीख निकल गई।

710

 गिरिजा टिक्कू का बस इतना दोष था कि वह आतंकियों की नजर में काफिर थी। इसलिए उसे क्रूरता से मारा गया। इस्लामिक शासन में उसे जीने का कोई अधिकार नहीं था। इतना ही नहीं आतंकियों ने उसकी मौत पर शोक मनाने की भी इजाजत नहीं दी। आतंकियों की धमकी के चलते गांव में कोई अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ।

810

सिर्फ परिवार के चार-पांच सदस्य ही शामिल हुए थे। उन्होंने ही शरीर के टुकड़ों का अंतिम संस्कार किया था। वे लोग भी रात को ही गांव से गायब हो गए। उन्हें डर था कि कहीं उनकी भी हत्या ना कर दी जाए। 

910

सुनंदा ने गिरिजा की कहानी बताते हुए कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठ की पोल खोली थी। उन्होंने बताया था कि कश्मीरियों ने उसी तरह का आतंक और अत्याचार झेला, जैसा इस्लामिक स्टेट सीरिया में अंजाम दिया गया। पाकिस्तान लगातार भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर झूठ फैलाता रहा है। 

1010

सुनंदा वशिष्ठ ने बताया था, ''मैं कश्मीर की अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से हूं। मैं यहां इसलिए बोल रही हूं क्यों कि मैं जिंदा हूं। मैं उस गिरिजा टिक्कू की बात कर रही हूं। वह सीधी साधी लैब असिस्टेंट थी। वह उतनी खुशनसीब नहीं थी, जितनी मैं हूं। उसका अपहरण हुआ, गैंगरेप हुआ। उसे जिंदा आरी मशीन में दो टुकड़ों में काट दिया गया। उसका गुनाह सिर्फ उसका धर्म था।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved