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बेल्ट और जूतों से पीटता था सगा बाप, बेटी ने उठाया बोल्ड कदम और मां को भी जहन्नुम से निकाल लाई
| Published : Jan 04 2020, 06:47 PM IST
बेल्ट और जूतों से पीटता था सगा बाप, बेटी ने उठाया बोल्ड कदम और मां को भी जहन्नुम से निकाल लाई
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लड़की ने अपनी पहचान और पता छुपाकर ये कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है। हम इसे एक काल्पनिक नाम दे रहे हैं, सलोनी। सलोनी ने बताया कि, उसकी एक परफेक्ट फैमिली थी। पिता मां और एक छोटा भाई। हम सब साथ रहते थे। मैं जैसे-जैसे बड़ी होती जा रही थी मेरे पापा मेरे साथ काफी बदसलूकी करने लगे थे। वे किसी भी बात का बहाना लेकर मुझे मारते थे। मेरे पापा मुझे बेल्ट और जूते से बेरहमी से पीटते थे।
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जब मेरी मां मुझे बचाने की कोशिश करती तो पापा मम्मी को भी मारने लगते थे। ये रोज का था जब पापा घर लौटते तो जो भी उनके हाथ में आता वो मुझे उसी चीज से मारने लगते थे। पापा मुझे मारने के बाद अंधेरे कमरे में बंद कर देते थे। वे मुझे टीवी देखने और होम वर्क न करने का बहाना लेकर मारते और गुस्सा निकलाते थे।
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फिर मैं बड़ी हो गई तो मुझे पचा चला कि मैं घरेलू हिंसा का शिकार हुई थी, ये सब नॉर्मल नहीं था ये गलत था। जो मेरे पापा मां और मेरे साथ करते हैं वो सब गलत है, गैर कानूनी है। मुझे हमेशा इसके बारे में मुंह बंद करके रखने को कहा गया था लेकिन अब मैंने इस पर बोलने की ठान ली थी। मैंने चीजों को संभालना और गौर से देखना शुरू कर दिया। पर हमारी लाइफ एक धागे में लटकी थी लोगों के लिए हम परफेक्ट फैमिली थे लेकिन कमरों के अंदर क्या होता है ये किसी को नहीं पता था।
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फिर एक दिन मेरा दिमाग सुन्न रह गया जब मैंने पापा के फोन के बिल्स देखे। उनका किसी से अफेयर चल रहा था काफी मंहगे बिल थे। मैंने थोड़ी जासूसी की तो पता चला कि उनके एक नहीं कई अफेयर्स हैं। मैंने सबूत इकट्टा कर मां को दिखाए तो उन्होंने कहा कि, उन्हें ये सब कई साल पहले से पता था। मैं हैरान रह गई जो शख्स हमारी जिंदगी हराम किए हुए है वो खुद मजे लूट रहा है, वो खुद गलत है और सजा हमें देता है।
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एक दिन मैं कॉलेज से लौटी तो देखा मां दहाड़े मारकर रो रही थीं। उनके कंधे में चोट लगी थी, पापा ने उन्हें मार-मारकर उनका हाथ तोड़ दिया था, तब मैं फट पड़ी और अपने दरिंदे बाप को पुलिस केस की धमकी दे दी। उन्होंने मुझे डराया कि वो मेरी मां की हत्या कर देंगे अगर मैं पुलिस में गई तो। पर उस दिन के बाद मैंने सोच लिया और मां को काफी समझाया। मां समाज के डर से उस आदमी से अलग नहीं होना चाहती थी। मैंने अपने नाना-नानी के साथ बैठकर उनको समझाया और अपने पिता के खिलाफ शाकायत दर्ज करवाई घरेलू हिंसा का केस दर्ज कर दिया।
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इसके बाद मैं अपने छोटे भाई और मां को उस जहन्नुम से निकाल लाई। अब मैं और मेरा परिवार खुश है, आजाद है और हम बहुत अच्छे से रह रहे हैं। मैंने ठान लिया है मैं सारी जिंदगी अपने छोटे भाई और मां का ख्याल रखूंगी। मेरा यही कहना है कि, आपके साथ कुछ भी गलत हो तो आवाज उठाओ और अंधेरे से निकलो।