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PHOTOS: चमोली ग्लेशियर त्रासदी में देश से कट गए सेना के जवान, जिस पुल से थे जुड़े बह गया वही रास्ता
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आइटीबीपी की पर्वतारोही टीम के साथ तुरंत ब्रिज बनाने में माहिर जवान भी भेजे गए हैं। इससे पहले आईटीबीपी के 200 जवान जोशी मठ भेजे गए थे। गृह मंत्रालय पूरी स्थिति को मॉनिटर कर रहा है।
वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को आपदा से निपटने के आदेश दिए हैं। साथ ही जनता से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें। सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। एसडीआरएफ और लोकल प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। संपर्क के लिए हेल्पलाइन नंबर 1070 या 9557444486
जारी कर दिया गया है।
निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका
तपोवन इलाके में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है। अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। नदी में अचानक पानी आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को हटाया जा रहा है।
एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनंदा का पानी का बहाव रोका जा सके, इसलिए श्रीनगर डैम और ऋषिकेष डैम को खाली करा दिया गया है। SDRF अलर्ट पर है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौके पर पहुंचे रहे हैं।
अभी क्या है स्थिति?
बताया जा रहा है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है, लेकिन बहाव कम होता जा रहा है।
इन क्षेत्रों में हाई अलर्ट
यूपी के कई जिलों में अलर्ट इस आपदा के बाद यूपी में भी अलर्ट जारी किया गया है। गंगा किनारे वाले जिलों मे प्रशासन को अर्लट रहने के लिए कहा गया है। यूपी के बिजनौर, कन्नौज फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्ज़ापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, वाराणसी में हाई अर्लट जारी किया गया है।
जोशीमठ डैम और तपोवन बैराज ध्वस्त
ग्लेशियर फटने के बाद जोशीमठ डैम और तपोवन बैराज बांध (Dam) क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे नदियों में बाढ़ आ गई है। तपोवन बैराज पूरी तरह जलमग्न होने से इस आपदा ने विकराल रूप ले लिया, डैम और नदियों से जुड़े सभी इलाकों में बाढ़ का हाई अलर्ट जारी किया गया है। श्रीनगर में प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है। वहीं, नदी में काम कर रहे मजदूरों को भी हटाया जा रहा है।