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बड़ी राहत: स्पेशल ट्रेनों से घर भेजे जाएंगे दूसरे राज्य में फंसे मजदूर और लोग, केंद्र ने दी मंजूरी
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केंद्र ने अपनी गाइडलाइन में कहा, दूसरी जगहों पर फंसे मजदूर, स्टूडेंट, टूरिस्ट और अन्य लोग रेलवे मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वालीं स्पेशल ट्रेनों से जा सकेंगे। इसके लिए रेलवे को नोडल प्राधिकरण बनाना होगा जो राज्यों से संपर्क में रहेगा। इसके लिए रेलवे को सोशल डिस्टेंसिंग, किराया समेत तमाम गाइडलाइन बनानी होंगी। बाकी सब पहले की शर्तों के मुताबिक ही होगा।
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद रेलवे ने कहा, स्पेशल ट्रेनें दोनों राज्यों की सहमति के बाद पॉइंट टू पॉइंट चलेगी। रेलवे और राज्य सरकारों को नोडल अफसर तैनात करेंगे।
इसके अलावा रेलवे ने कहा, यात्रियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था भेजने वाले राज्यों द्वारा की जाएगी। जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, केवल उन्हें ही भेजा जाएगा। भेजने वाले राज्य को बसों द्वारा यात्रियों को स्टेशन तक भेजा जाएगा। इस दौरान बसों को सैनिटाइज किया जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
इसके अलावा ट्रेन पहुंचने पर भी राज्य के द्वारा स्क्रीनिंग और क्वारंटाइन की व्यवस्था कराई जाएगी।
केंद्र ने पहले इन शर्तों के साथ दी थी छूट:
1- गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, राज्य और केंद्र शासित राज्य इसके लिए नोडल अफसर तैनात करने के लिए कहा है। साथ ही राज्यों से लेने और भेजने के लिए प्रोटोकॉल बनाने को कहा है। साथ ही नोडल अफसर राज्य में फंसे लोगों की लिस्ट भी तैयार करेगा।
2- अगर कोई ग्रुप एक राज्य से दूसरे राज्य जाना चाहता है तो दोनों राज्यों को आपस में बात में बात करके राजी होने के बाद रोड से यात्रा करने की अनुमति दी जा सकती है।
3- जाने वाले व्यक्ति की पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उसमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं होंगे तो उसे जाने की अनुमति दी जा सकती है।
4- लोगों के समूह को भेजने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें सैनिटाइज कराना होगा और लोगों को बैठाने वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा।
5- वहीं, जो राज्य इन लोगों की यात्रा के बीच में पड़ेंगे वे उन्हें जाने देंगे।।
6- गृह राज्य में पहुंचने के बाद लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना होना। अगर अस्पताल में क्वारंटाइन करने की जरूरत नहीं है, तो उन्हें होम क्वारंटाइन कराया जाए। इसके अलावा उन पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा नजर रखी जाए।
ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करनी होगी, ताकि उनकी निगरानी की जा सके।