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दरिंदों को फांसी पर लटकाना नहीं आसान काम, जानिए जल्लादों को कितने पैसे देती है सरकार?
| Published : Dec 13 2019, 06:57 PM IST / Updated: Dec 13 2019, 07:24 PM IST
दरिंदों को फांसी पर लटकाना नहीं आसान काम, जानिए जल्लादों को कितने पैसे देती है सरकार?
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दरअसल देश में एकमात्र जल्लाद परिवार है वो है मेरठ का पवन जल्लाद का परिवार। पवन जल्लाद को इस बात की सूचना दी जा चुकी है कि निर्भया के चारों दोषियों को उसी को फांसी देनी है। पवन जल्लाद को कभी भी फांसी देने के लिए दिल्ली जाना पड़ सकता है।
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जल्लादों का काम अपराधियों को फांसी देना होता है। ये कोई ऐसा-वैसा काम नहीं है एक खौफनाक पेशा है जिसमें आप किसी की जान निकलने तक उसको लटकाकर रखते हैं और इसके लिए बकायदा उनको सरकार पैसा देती है।
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तो मन में सवाल तो उठता है कि आखिर जल्लादों को कितना पैसा दिया जाता होगा फांसी देने का?
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तो इस बारे में पुश्तैनी जल्लाद परिवार के पवन ने रमक को लेकर खुलासे किए हैं। पवन के दादा-परदादा भी फांसी देने का काम करते थे। पवन ने जल्लाद की फीस के बारे में बताया जिसे सुनकर आपको हैरानी होगी।
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उन्होंने बताया कि, पुराने समय में ये जल्लादों की रमक काफी कम थी मात्र 100 रुपये। हालांकि उस समय में ये रकम काफी ज्यादा भी मानी जाती थी। साल 2013 तक जल्लादों को 3 हजार रुपये दिए जाते रहे अपराधियों को फांसी देने के लिए। पवन ने बताया कि अगर वो याकूब मेमन को फांसी देते तो उन्हें सरकार से ईनाम मिलता जिसमें करीब 25 हजार रुपये होते। उन्हें अब निर्भया के आरोपियों को लटकाने के बाद कुछ ऐसी ही उम्मीद है।
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आपको बता दें कि अब 2019 में जल्लादों की फीस बढ़ चुकी है ये 5 हजार तक पहुंच गई है। इस पेशे में शख्स को सख्त दिल और खतरनाक होना चाहिए, वह पिघलने न पाए।
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फांसी के समय अपराधी उसके सामने रोते हैं, गिड़गिड़ाते हैं पर जल्लाद फांसी देने की ठानकर उनके मुंह पर काला कपड़ा लपेट फंदा गले में डाल लटका देता है।
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अपराधी जल्लादों के सामने मौत की भीख मांगते हैं, रो-रोकर उनका काम मुश्किल कर देते हैं।
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फांसी देने से पहले जल्लाद अपराधी के कान में कहता है- हिंदुओं को राम-राम, मुस्लिमों को सलाम मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं और ये कहते ही वो उनके पैरों के नीचे से तख्त खींच लेता है।