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PM Modi का काशी दौरा: ये वो 16 तस्वीरें, जो हमेशा रखी जाएंगी याद.... बन गईं हैं इतिहास
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काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार होने के बाद अब एक नया स्वरूप देखने को मिल रहा है। पूरा कॉरिडोर इलाका चुनार के गुलाबी पत्थरों की आभा से दमक रहा है और रिकॉर्ड 21 महीने में बनकर तैयार हुआ है। मंदिर के लिए सात तरह के पत्थरों से विश्वनाथ धाम को सजाया गया है। ये भी रोचक है कि करीब 352 साल पहले अलग हुआ ज्ञानवापी कूप एक बार फिर से बाबा विश्वनाथ धाम परिसर में आ गया है।
पीएम मोदी ने सबसे पहले काशी के कोतवाल काल भैरव के दर्शन किए थे। यहां उन्होंने आरती की और पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद वे बाहर निकले तो लोगों का अभिभावन किया था। लोग यहां पीएम के साथ फोटो लेने के लिए मशक्कत करते दिखे।
मोदी जब काल भैरव के दर्शन करने बाद सर्किट हाउस लौट रहे थे तो रास्ते में एक शख्स फ्लीट के सामने आने लगा था। ये शख्स मोदी को सम्मानित करना चाहता था। पीएम ने देखा तो कार रोक ली और शख्स को अपने पास बुला लिया। यह देख लोग भी हैरान रह गए। शख्स ने मोदी को बनारसी पगड़ी और साफा भेंट किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ललिता घाट पहुंचे थे। यहां उन्होंने गंगा में डुबकी लगाई थी और सूर्यदेव का अर्घ्य दिया था।
यहीं से पीएम बाबा के अभिषेक के लिए जल लेकर मंदिर के गर्भगृह तक पैदल गए थे। ललिता घाट गंगा के रास्ते बाबा विश्वनाथ के दर्शन कराने का नया रास्ता खोला गया है।
मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। इसके बाद 400 से ज्यादा साधु-संतों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने लोगों से तीन प्रण लेने की अपील की थी।
मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने वाले श्रमिकों का भी सम्मान किया था। उन्होंने श्रमिकों पर फूल बरसाए। उनसे बातचीत की और ग्रुप फोटो लिया था।
मोदी का कहना था कि श्रमिकों ने अपना पसीना बहाकर रिकॉर्ड समय में कॉरिडोर तैयार किया है। उनकी मेहनत के बिना ये संभव नहीं था।
काशी कॉरिडोर के उद्घाटन कार्यक्रम में 400 से ज्यादा साधु संत आए थे। इस दौरान उन्होंने लोगों से तीन प्रण लेने की अपील की थी।
इसके बाद पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ अलकनंदा क्रूज से वापस संत रविदास घाट आए थे और यहां संत रविदास को पुष्पांजलि अर्पित की थी। उनके क्रूज में भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी सवार थे। मोदी ने शाम के समय एक बार फिर गंगा में नौकायन की। भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री रविदास घाट पहुंचे थे।
बाद में मोदी दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने पहुंचे थे। यहां करीब 84 घाटों पर दीप जलाये गए थे। क्रूज से ही पीएम ने सभी काशी के घाटों की अनोखी छटा निहारी। यहीं से लाइट एंड शो का प्रोग्राम भी देखा था, जो सतरंगी छटा बिखेर रहा था।
इसके बाद मोदी ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ फोटो ली थी। मोदी के साथ क्रूज पर सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा 11 प्रदेशों के मुख्यमंत्री और 9 प्रदेशों के उप मुख्यमंत्री मौजूद थे। पीएम को मुख्यमंत्रियों के साथ करीब 30 मिनट तक औपचारिक चर्चा करनी थी, लेकिन ये बैठक रात 8 से 12 बजे तक चली।
मोदी ने रात करीब 1.13 बजे बनारस रेलवे स्टेशन का भ्रमण किया। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री का फ्लीट स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार के सर्कुलेटिंग एरिया में आकर रुका। यहां से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री प्लेटफॉर्म संख्या 8 पर पहुंचे। स्टेशन की व्यवस्थाओं और यात्री सुविधाओं का जायजा लिया।
करीब 10 मिनट ठहरने के बाद पीएम यहां से रवाना हुए। इससे पहले पीएम ने विश्वनाथ धाम का पुनः अवलोकन किया था।
मोदी ने रास्ते में अफसरों से जानकारी ली। इसी बीच, गोदौलिया चौराहे पर कुछ आम लोगों से भी मुलाकात की थी। यहां एक युवक पर नजर गई जो बच्चे को गोद में लिए खड़ा था। मोदी ने काफी देर तक इस बच्चे को दुलार किया।