- Home
- National News
- Kathua Case : फर्जी बयान दिलवाने के लिए गवाहों को किया गया टॉर्चर, कोर्ट ने कहा- अफसरों के खिलाफ हो FIR
Kathua Case : फर्जी बयान दिलवाने के लिए गवाहों को किया गया टॉर्चर, कोर्ट ने कहा- अफसरों के खिलाफ हो FIR
गवाहों ने कोर्ट में अपील दायर कर आरोप लगाया कि एसआइटी सदस्यों ने उन्हें विशाल जंगोत्रा के खिलाफ फर्जी बयान देने के लिए मजबूर किया। वहीं, उन्हें गैर-कानूनी ढंग से हिरासत में रखा और शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित भी किया।
| Published : Oct 23 2019, 01:45 PM IST / Updated: Oct 23 2019, 02:53 PM IST
Kathua Case : फर्जी बयान दिलवाने के लिए गवाहों को किया गया टॉर्चर, कोर्ट ने कहा- अफसरों के खिलाफ हो FIR
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
15
जांच टीम पर उठे सवाल- कठुआ की बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के केस में अब कोर्ट ने जांच टीम पर सवाल उठा दिए हैं। अदालत ने पुलिस को एसआईटी के उन छह सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज किये जाने के निर्देश दिये जिन्होंने 2018 में कठुआ के एक गांव में आठ वर्षीय एक बालिका के साथ बलात्कार और हत्या मामले की जांच की थी।जांच टीम ने गवाहों को झूठे बयान देने के लिए मजबूर किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रेम सागर ने मामले के गवाहों सचिन शर्मा, नीरज शर्मा और साहिल शर्मा की एक याचिका पर जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निर्देश देते हुए कहा कि इन छह लोगों के खिलाफ संज्ञेय अपराध बनता है।
25
इन 6 लोगों के खिलाफ FIR के निर्देश- अदालत ने तत्कालीन एसएसपी आर के जल्ला (अब सेवानिवृत्त), एएसपी पीरजादा नाविद, पुलिस उपाधीक्षकों शतम्बरी शर्मा और निसार हुसैन, पुलिस की अपराध शाखा के उप निरीक्षक उर्फन वानी और केवल किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये। जम्मू के एसएसपी से 11 नवम्बर को मामले की अगली सुनवाई पर रिपोर्ट देने को कहा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने इस वर्ष जून में तीन मुख्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जबकि मामले में सबूत मिटाने के लिए अन्य तीन को पांच वर्ष जेल की सजा सुनाई थी।
35
क्यों दर्ज की जाएगी FIR- कठुआ मामले में क्राइम ब्रांच की एसआइटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) ने सचिन शर्मा, नीरज शर्मा और साहिल शर्मा को भी अपना गवाह बनाया था। इन तीनों गवाहों ने अब आवेदन करके छ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग की है। तीनों ने सिटी जज की कोर्ट में एक आवेदन दायर किया, और एसआईटी के सदस्यों- पूर्व एसएसपी क्राइम आरके जाला, एडिशनल सुपरटेंडेंट ऑफ पुलिस क्राइम ब्रांच पीरजादा नावेद, डीएसपी क्राइम ब्रांच शितांबरी शर्मा, नासिर हुसैन, उरफान वानी और केवल किशोर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की थी।
45
फर्जी बयान के लिए शोषण के गंभीर आरोप- उन्होंने आरोप लगाया कि एसआइटी सदस्यों ने उन्हें विशाल जंगोत्रा के खिलाफ फर्जी बयान देने के लिए मजबूर किया। वहीं, उन्हें गैर-कानूनी ढंग से हिरासत में रखा और शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित भी किया। तीनों आवेदनकर्ताओं ने कहा कि उक्त जांच अधिकारियों ने साजिश के तहत विशाल को फंसाया और उसके खिलाफ फर्जी सुबूत तैयार कर उनसे सीआरपीसी की धारा-164 के तहत जबरन बयान दर्ज कराए।
55
क्या है कठुआ मामला- जम्मू कश्मीर के कठुआ क्षेत्र में 6 साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आठ आरोपी थे। पठानकोट की अदालत ने इनमें से छह को दोषी करार दिया था। एक नाबालिग होने पर उसके खिलाफ जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड में मामला चल रहा है, जबकि विशाल को बरी किया जा चुका है। देश भर में कठुआ मामला काफी सुर्खियों में रहा। फिल्म इंडस्ट्री से लेकर जनता तक बच्ची के साथ ही दरिदंगी पर शर्मिंदा थे। सोशल मीडिया कैंपेन के दवाब में ही फास्ट ट्रैक कोर्ट पर केस में जल्द फैसला आया था। बच्ची भेड़ बकरी चराने गई थी जहां उसको किडनैप कर मंदिर में ले जाकर दुष्कर्म किया गया था।