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अस्पताल में गए थे इलाज कराने मिली मौत, MP ही नहीं महाराष्ट्र और गुजरात में भी हुई हैं आग लगने की भीषण घटनाएं
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महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार के विजय वल्लभ हॉस्पिटल में 23 अप्रैल 2021 को आग लग गई थी। आग दूसरे फ्लोर पर बने आईसीयू में लगी थी, जिससे कोरोना का इलाज करा रहे 14 मरीजों की मौत हो गई थी। आईसीयू में करीब 90 मरीज भर्ती थे।
1 मई 2021 को गुजरात के भरूच के पटेल वेलफेयर कोविड अस्पताल में भीषण आग लग गई थी। इस हादसे में 14 मरीजों और एक स्टाफ नर्स सहित 16 लोगों की मौत हो गई थी। आग तेजी से फैलते हुए आईसीयू तक जा पहुंची थी। कई लोग बुरी तरह झुलस गए थे।
महाराष्ट्र के अहमदनगर के जिला अस्पताल में 6 नवंबर 2021 को आग लग गई थी। इस हादसे में कोरोना के 10 मरीजों की मौत हो गई थी। सभी ICU वार्ड में भर्ती थे। अस्पताल में रखे आग बुझाने के उपकरण भी काम नहीं आ सके थे।
महाराष्ट्र के भंडारा में स्थित सरकारी हॉस्पिटल में 9 जनवरी 2021 को आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चों के वार्ड में 17 नवजात को रखा गया था। इनमें से 10 बच्चे सोते-सोते जिंदा जल गए थे।
महाराष्ट्र के ठाणे के मुंब्रा में स्थित प्राइम क्रिटिकेयर हॉस्पिटल में 28 अप्रैल 2021 को आग लग गई थी। इस हादसे में 4 मरीजों की मौत हो गई थी। ठाणे पुलिस और फायर ब्रिगेड ने 20 से अधिक मरीजों को रेस्क्यू करके बचा लिया था।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कमला नेहरू चिल्ड्रन हॉस्पिटल में 9 नवंबर 2021 को आग लगने से 4 बच्चों की मौत हो गई थी। 3 बच्चे झुलस गए थे। आग तीसरी मंजिल पर स्थित नवजात गहन चिकित्सा इकाई ( NICU) में लगी थी। इस वार्ड में 40 बच्चे एडमिट थे।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में 18 अप्रैल, 2021 को भीषण आग लग गई थी। यहां कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा था। हादसे में पांच कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। मृतकों में तीन महिलाएं थी। एक मरीज की जलने से और चार की दम घुटने से मौत हुई थी।
18 दिसम्बर 2018 को मुंबई के अंधेरी में स्थित ईएसआईसी अस्पताल में आग लग गई थी। इस हादसे में 8 लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में एक छह महीने का बच्चा भी था। 140 लोगों को बचाया गया था।
18 अक्टूबर 2016 को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के सम अस्पताल में आग लग गई थी। इस हादसे में 19 मरीजों की मौत हुई थी। 120 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आग डायलिसिस वॉर्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी, जो आईसीयू तक फैल गई थी।