पार्थ की एक और करीबी ने ही खोल दिया ममता बनर्जी के पूर्व मंत्री का काला चिट्ठा
Baisakhi Banerjee: पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाला (SSC Scam) में पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी करीबी एक्ट्रेस अर्पिता मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद ईडी दोनों से लगातार पूछताछ कर रही है। पार्थ और अर्पिता फिलहाल 3 अगस्त तक जांच एजेंसी की हिरासत में हैं। इसी बीच, पार्थ चटर्जी की एक और करीबी और टीचर रहीं बैसाखी बनर्जी (Baisakhi Banerjee) ने पार्थ को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। कौन हैं बैसाखी बनर्जी और पार्थ के बारे में उन्होंने क्या खुलासे किए, आइए जानते हैं।
| Published : Aug 01 2022, 01:52 PM IST / Updated: Aug 03 2022, 10:41 AM IST
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2016 में हुई थी पार्थ से पहली मुलाकात :
बता दें कि बैसाखी बनर्जी पार्थ को 2016 से जानती थीं। पार्थ ने ही बैसाखी को WBCUPA (पश्चिम बंगाल कॉलेज यूनिवर्सिटी प्रोफेसर एसोसिएशन) की महासचिव बनवाया था। बैसाखी के मुताबिक, मेरी उनसे पहली मुलाकात तब हुई थी, जब मैं प्रोफेसर थी।
जब पार्थ ने मुझे कोविड से ज्यादा संक्रामक कहा :
बैसाखी के मुताबिक, 2020 में कोरोना के शुरुआती दिनों की बात है। एक दिन उन्होंने अचानक सबके सामने कहा- बैसाखी कोविड से ज्यादा संक्रामक है। इस पर मैंने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि इस बात का क्या कोई मतलब है? इसको लेकर मैंने उनसे सवाल भी किया- आप मेरे बारे में इस तरह क्यों बोल रहे हैं।
मैंने भी पार्थ को दिया करारा जवाब :
इस पर पार्थ चटर्जी ने कहा- अरे नहीं। हम कोरोना से तो डरते ही हैं, साथ ही आप से भी डरते हैं। मैंने उनसे कहा- अगर ये मजाक है तो तो बेहद भद्दा है, क्योंकि कोरोना के चलते लोग अपनी जान गवां रहे हैं और मैंने किसी की जान नहीं ली है। फिर आप मुझे संक्रामक और खतरनाक क्यों बोल रहे हैं।
पार्थ ने पावर का इस्तेमाल कर मेरा ट्रांसफर करवा दिया :
बैसाखी के मुताबिक, उन्होंने अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए मेरा ट्रांसफर करवा दिया। उसके बाद मैं खूब रोई। इसके बाद उन्होंने एक मीटिंग में मेरी बेइज्जती की। इसके बाद मैंने शिक्षा विभाग ही छोड़ दिया क्योंकि मुझे उनका फैसला कतई मंजूर नहीं था। पार्थ चटर्जी ने पूरी तरह से अपनी पावर का गलत इस्तेमाल किया।
पार्थ ने कहा- आप जैसी और महिलाएं बनें संगठन का हिस्सा :
बैसाखी बनर्जी के मुताबिक, जब मैं महासचिव बनी थी तो पार्थ कहते थे कि पार्टी को ऐसे लोगों की जरूरत है, जो पैसो के खातिर नहीं बल्कि लोगों के लिए काम करें। जब मैं प्रोफेसर संगठन की महासचिव थी तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं आप जैसी और महिलाएं इस संगठन से जोड़ना चाहता हूं जो अच्छी फैमिली से हों और पैसों के लिए राजनीति में काम न करें।
पार्थ अंदर से कुछ, बाहर से कुछ और :
पार्थ के दो चेहरे हैं। वो बाहर से कुछ और दिखते हैं, जबकि अंदर कुछ और होते हैं। वो जिस साफ छवि की बात करते थे, वो कई बार सोचने पर मजबूर करती थी। मुझे उनके हर कदम पर भ्रष्टाचार मिला। वो बस दिखावे के लिए ऐसा करते थे जैसे फौरन कदम उठा रहे हैं, लेकिन ये चीज बस सतही होती थी। हकीकत कुछ और ही थी।
पार्थ के भ्रष्टाचार की खबर TMC को भी थी :
बैसाखी बनर्जी के मुताबिक, ऐसा नहीं है कि पार्थ चटर्जी के भ्रष्टाचार के बारे में टीएमसी के लोगों को पता नहीं था। क्योंकि मैंने कई मंत्रियों से सुना है कि पार्थ व्यवस्थित रूप से पैसा खा रहे हैं। हालांकि, पार्टी सुप्रीमो तक ये बात कितनी और कहां तक पहुंचती थी, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
कौन हैं बैसाखी बैनर्जी?
बैसाखी बनर्जी TMC के प्रोफेसर सेल की महासचिव थीं। इस सेल को पश्चिम बंगाल कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर एसोसिएशन (WBCUPA) के नाम से भी जाना जाता है। बैसाखी 2016 के आखिर से 2017 तक एसोसिएशन की महासचिव रहीं। हालांकि, 2019 में वो भाजपा में शामिल हो गई थीं। 2021 में उन्होंने बीजेपी को भी छोड़ दिया।
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