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रात में सो रहे थे लोग, सुबह उठकर देखा तो चारों तरफ पानी ही पानी, बाढ़ ने मचाई तबाही, लाखों बेघर
नई दिल्ली. मानसून बिहार के लिए कहर बन गया है। यहां बाढ़ की वजह से हालात बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लाखों लोग इससे प्रभावित हुए हैं। करीब 3500 लोगों को NDRF की टीम ने रेसक्यू किया है। इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि 12 हजार से भी ज्यादा लोगों को शेल्टर होम्स में भेज दिया गया है, जहां पर उनके खाने-पीने तक का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
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इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स में सरकार द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक बताया जा रहा है कि 9 लाख 60 हजार से भी ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बिहार के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और करीब 3500 लोगों को रेसक्यू करके सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है।
इसके साथ ही बताया जा रहा है कि पूर्वी चंपारण के भवानीपुर गांव के पास नदी के किनारे का बांध 23-24 जुलाई की रात को गंडक नदी के बाढ़ के पानी के कारण बह गया था। इस बांध के बहने के बाद भवानीपुर गांव पानी में डूब गया और सैकड़ों लोग इससे प्रभावित हुए।
NDRF की टीम द्वारा गोपालगंज जिले के गमभरिया और किरटपुरा में बैकुंठपुरा ब्लॉक में लोगों के बचाने का कार्य जारी है। शुक्रवार की रात और 102 फंसे हुए लोगों को निकाला गया।
इसके अलावा मुजफ्फरपुर से खबर आई कि इस जिले के शेखपुर ढाब में एक सुरक्षित जगह पर जाते ही लोग बाढ़ के पानी में डूब गए।
लोगों को बाढ़ से रेसक्यू करके सुरक्षित स्थान पर ले जाती NDRF की टीम।
अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाते लोग।
बिहार के रेसक्यू मिनिस्टर संजय कुमार झा द्वारा हवाई जहाज के जरिए सर्वे किया गया और राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा भी लिया गया।