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मंत्रीजी नहीं होने देंगे एनकाउंटर...इस भरोसे पर गिरफ्तार हुआ था विकास दुबे, वकील की सह पर देता रहा चकमा
कानपुर. गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार को एनकाउंटर में ढेर हो गया। एनकाउंटर से पहले वह 8 दिन तक पुलिस से बचकर भागता रहा। इस दौरान उसे राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त था। पुलिस के अफसर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों के नेताओं से विकास के संबंध थे। इन्हीं का इस्तेमाल उसने हमेशा अपराधों में किया। 2 जुलाई को पुलिस की कार्रवाई से पहले ही विकास दुबे को जानकारी मिल गई थी। उसने तैयारी के साथ ही पुलिस टीम पर हमला किया था। इस हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनकाउंटर से पहले विकास दुबे ने पूछताछ में राजनीतिक सरंक्षण की पुष्टि की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक मंत्री ने 2 जुलाई को हुए इस घटनाक्रम में विकास का साथ दिया। मंत्री ने विकास को भरोसा दिलाया था कि वे उसे बचा लेंगे। इसी भरोसे में एक वकील ने उसका साथ दिया, जिसके इशारे पर वह इधर से उधर भागता रहा। इतना ही नहीं, मध्यप्रदेश के उज्जैन के एक बड़े शराब कारोबारी ने उसका साथ दिया।
मंत्री ने दिया था भरोसा- एनकाउंटर से बचा लेंगे
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मंत्री ने विकास को भरोसा दिलाया था कि वह उसे एनकाउंटर से बचा लेगा। बस या तो वह कोर्ट में सरेंडर कर दे या फिर सार्वजनिक तौर पर गिरफ्तार हो जाए। इससे वह मीडिया की नजरों में आ जाए।
यूपी छोड़कर किसी अन्य राज्य में दे गिरफ्तारी
विकास को मंत्री, शराब कारोबारी और वकील ने यह सुझाव दिया था कि वह सरेंडर या गिरफ्तारी के लिए उत्तर प्रदेश के अलावा कोई दूसरा राज्य चुने। इसी के तहत मध्यप्रदेश को चुना गया। मंत्री जी का मध्यप्रदेश में दबदबा है। इसलिए सब तय योजना के तहत सब किया गया। विकास ने सीसीटीवी से लैस मंदिर परिसर में गिरफ्तारी दी।
एक दिन पहले बदले गए थानेदार और सर्किल ऑफिसर
रिपोर्ट के मुताबिक, विकास दुबे की जिस थाना क्षेत्र में गिरफ्तारी हुई, वहां के थानेदार, सर्किल ऑफिसर को एक दिन पहले ही हटाया गया था। इसे लेकर ही विपक्षी पार्टी शिवराज सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आशंका है कि साजिश के तहत ही थानेदार और सीओ को हटाया गया। इसके बाद गिरफ्तारी हुई।
उज्जैन में गिरफ्तारी, कानपुर में ढेर
विकास को उज्जैन से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। वह सड़क के रास्ते उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। कानपुर से पहले एसटीएफ की उस कार का एक्सीडेंट हो गया, जिसमें वह सवार था। इसके बाद विकास ने बंदूक छीनकर फायरिंग करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में विकास ढेर हो गया। विकास पर 5 लाख रुपए का इनाम था।