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2021 में PM मोदी के ये 10 मेगा प्रोजेक्ट्स बदल देंगे भारत की तस्वीर, आसान होगी चारधाम यात्रा भी
नई दिल्ली. साल 2020 और उसका आखिरी महीना दिसंबर खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है। ये साल इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है कि पूरी दुनिया में इस साल केवल कष्ट झेला है। कोरोना के कारण सारा कारोबार पूरे साल ठीक ढंग से नहीं चल पाया, अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ कि इसके नए रूप भी सामने आने लगे हैं। हालांकि, सरकार और डॉक्टर्स इस पर रोकथाम पाने के लिए तमाम कोशिशें और वैक्सीन का निर्माण कर रहे हैं। अब ऐसे में लोग उम्मीद जता रहे हैं कि 2021 बेहतर हो और जिंदगी पहले की तरह नॉर्मल हो जाए। ऐसे में साल के आखिरी और नए साल के मौके पर आपको मोदी सरकार के वो 10 मेगा प्रोजेक्ट्स के बारे में बता रहे हैं, जो आने वाले समय में भारत की तस्वीर बदल सकते हैं। आइए जानते हैं...
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अयोध्या में राम मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास यूं तो 2020 में हुआ था, लेकिन मंदिर बनाए जाने का कार्यक्रम अगले साल यानी 2021 में किया जाएगा। अभी इसकी यहीं पर मिट्टी की जांच चल रही है और कहा जा रहा है कि मंदिर के निर्माण में किसी भी तरह के लोहे या सरिया और जोड़ का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। काम की शुरुआत 1200 पिलर गाड़ने से होनी थी, लेकिन जमीन की जांच के लिए गाड़े गए पिलर धंसने के बाद काम को रोक दिया गया था। अब आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी चेन्नई, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की के वर्तमान और रिटायर्ड वैज्ञानिक और प्रोफेसर, टाटा और लार्सन एंड टूब्रो के सबसे तेज-तर्रार लोगों की टीम नई तकनीक पर काम कर रही है। जनवरी 2021 में मंदिर की नींव खोदी जानी है।
भारत के सबसे ऊंचे रिहायशी टावर
2021 के शुरुआती तीन महीनों से भारत की दो सबसे ऊंची रिहायशी इमारतों में ग्राहकों को पोजिशन मिलना शुरू हो जाएगी। मुंबई के लोअर परेल में स्थित वर्ल्ड वन टावर और वर्ल्ड वन व्यू टावर 76-76 फ्लोर के हैं। इनकी ऊंचाई 935 फीट है। मुंबई में ही 78 माले की इमारत द पार्क भी है। लेकिन, इसकी ऊंचाई 879 फीट है। उधर, 2020 में अमेरिका में दुनिया की सबसे ऊंची रिहायशी इमारत तैयार हो गई है।
बुलेट ट्रेन
अहमदाबाद से मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी L&T को 25 हजार करोड़ के काम करने का ऑर्डर मिल गया है। 2021 में गुजरात के वापी से वड़ोदरा के बीच हाईस्पीड रेल कॉरिडोर बनना शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्टर के लिए सरकार 1.08 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। फिलहाल, केंद्र सरकार ने 25 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दिया है।
नई दिल्ली से वाराणसी बुलेट ट्रेन
मोदी सरकार की नई दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है। इसके बीच हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का काम शुरू हो जाएगा। सर्वे शुरू हो चुका है। जापान के पीएस शिंजो आबे के 2015 के वाराणसी दौरे के ठीक पहले बुलेट ट्रेन पर समझौता हुआ था। बता दें नई दिल्ली से वाराणसी की कुल दूरी 865 किलोमीटर है। इसी रूट पर बुलेट ट्रेन 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी।
आसान होगी चार धाम यात्रा, लाखों यात्रियों की प्रोजेक्ट पर नजर
मोदी सरकार के चार-धाम प्रोजेक्ट पर लाखों नजर टिकी हुई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि 2021 में ये प्रोजेक्ट भी अंतिम चरण में पहुंच सकता है। प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को आपस में जोड़ा जा रहा है। इसके लिए 889 किलोमीटर का हाईवे बन रहा है। ऋषिकेश से धारासु होते हुए गंगोत्री, यमुनोत्री, रुद्रप्रयाग होते हुए केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने वाली इस हाईवे परियोजना की लागत 12,000 करोड़ रुपए है।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक
मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने के लिए 22 किलोमीटर लंबा पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है। 2021 में इसका काम आखिरी चरण में पहुंच जाएगा। पुल का 16.5 किलोमीटर हिस्सा समुद्र में और 5.5 किलोमीटर जमीन पर होगा। इस पुल को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस पुल के लिए कुल 2200 पिलर खड़े किए जा रहे हैं। ये शिवाजी मेमोरियल प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है।
काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक सीधा रास्ता
वाराणसी में 2009 से चल रहे काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का काम 2021 में पूरा हो सकता है। इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर से ललिता, जलासेन और मणिकर्णिका घाट तक बाबा धाम बसाया जा रहा है। इसमें करीब 50,261 वर्ग मीटर में 24 नई बिल्डिंग बनाने और 63 छोटे-छोटे मंदिरों की मरम्मत का काम चल रहा है।
नए संसद का निर्माण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी है। सोशल मीडिया पर पहले ही इसके निर्माण पर बहस जारी है। इसके साथ ही देश के 69 पूर्व नौकरशाहों ने मोदी को चिट्ठी लिखकर इस प्रोजेक्ट को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर अबी सुनवाई होनी बाकी है।
नए संसद को लेकर कहा जा रहा है कि इसका निर्माण सेंट्रल विस्टा री-डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। इसमें नए संसद भवन के अलावा 3 किलोमीटर में केंद्रीय मंत्रालयों के लिए सरकारी बिल्डिंग, उपराष्ट्रपति के लिए नए ऐनक्लेव, पीएमओ आवास में कई निर्माण होंगे। इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय लोक निर्माण यानी CPWD करीब 13,450 करोडड़ में पूरा करेगा। आजादी के 75 साल पूरे होने पर नए भवन में संसदीय सत्र चलने की उम्मीद है।
शिवाजी स्मारक
अरब सागर में करीब 15 एकड़ में टापू पर लगभग 696 फीट ऊंचा शिवाजी स्मारक बनाया जा रहा है, जो कि बनकर तैयार भी होने वाला है। मुंबई के गिरगांव चौपाटी से सटे समुद्र में करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर टापू पर बन रहे स्मारक को देखने के लिए एस समय में 10 हजार लोग तक जा सकते हैं। हालांकि, मॉनसून के वक्त अरब सागर होकर स्मारक तक पहुंचने के तरीके पर विवाद होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने काम को रोक दिया है। इस स्मारक को बनाने में 1900 करोड़ की लागत लगी है। बता दें, मॉनसून के दौरान टापू की ओर जा रही एक मोटरबोट पलटने से एक शख्स की मौत हो गई थी। इस पर विवाद के बाद से काम को रोक दिया गया है। अब वहां पर टनल बनाने पर विचार किया जा रहा है।
10 वाटर एयरपोरट्स को हरी झंडी
भारत में 10 वाटर एयरपोर्ट्स को हरी झंडी मिल गई है। अक्टूबर 2020 से भारत में सी-प्लेन सेवा शुरू हो गई है। इसके पहले यात्री कोई और नहीं बल्कि पीएम मोदी बने हैं। वो गुजरात के अहमदाबाद से केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गए। 200 किलोमीटर की ये यात्रा स-प्लेन से 45 मिनट में पूरी हो गई। अगर इस यात्रा की रोड से बात की जाए तो इस सफर को करने में 4-5 घंटे का वक्त लगेगा। पहली सफल सी-प्लेन सेवा के बाद अब भारत में वाटर एयरपोर्ट्स के प्रोजेक्ट में तेजी आ गई है।
भारत में कुल 10 वाटर एयरपोर्ट्स बनाने के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। सरदार सरोवर डैम, साबरमती रिवर फ्रंट, ओड़िशा के चिल्का लेक, अंडमान निकोबार के लॉन्ग आइलैंड, स्वराज आइलैंड, शहीद आइलैंड और अंडमान निकोबार के तीन वाटर एयरपोर्ट्स बनाने की तैयारी है। सरदार सरोवर डैम और साबरमती रिवर फ्रंट वाटर एयरपोर्ट का काम पूरा हो चुका है। इन 10 एयरपोर्ट्स की कुल लागत 50 करोड़ है। इनका निर्माण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर रही है।