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डेथ वॉरंट लेते हुए लड़खड़ाए पैर, रोने लगे निर्भया के दोषी...मौत से पहले की जा रही बिहेवियर स्टडी
नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके शवों को आतंकवादी अफजल की तरह तिहाड़ जेल में नहीं दफनाया जाएगा, बल्कि शवों को परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा।
| Published : Jan 09 2020, 01:24 PM IST / Updated: Jan 15 2020, 10:55 PM IST
डेथ वॉरंट लेते हुए लड़खड़ाए पैर, रोने लगे निर्भया के दोषी...मौत से पहले की जा रही बिहेवियर स्टडी
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मंगलवार को कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया। बुधवार की सुबह इन्हें डेथ वॉरंट दिए गए। इस दौरान दोषियों के पैर लड़खड़ाए जरूर, लेकिन इनमें से किसी ने भी अपने गुनाह पर पश्चाताप नहीं जताया।
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डेथ वॉरंट जारी होने के बाद फांसी से जुड़े सभी पत्राचार लाल रंग के कागज पर किए जा रहे हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि इनसे संबंधित जो भी फाइलें हैं, उनका लाल रंग देखकर किसी भी तरह की कोई कोताही या देरी न हो।
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जैसे ही कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया चारों दोषी फूट-फूटकर रोने लगे। अब इन चारों को तिहाड़ जेल के अलग-अलग बैरक में रखा गया है
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हर दोषी की निगरानी में तीन सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। 24 घंटे निगरानी होती है। दो बार मेडिकल जांच होती है।
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जेल सूत्रों के मुताबिक चारों को तिहाड़ की जेल नंबर 3 में फांसी पर लटकाया जाएगा। डेथ वॉरंट जारी होने के बाद से ही इनकी बिहेवियर स्टडी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सायकायट्रिस्ट लगाया गया है, जो इनकी दिन प्रतिदिन बदलती मनोदशा पर नजर रखते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। फांसी देने से पहले यह रिपोर्ट पेश की जाएगी।
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चारों दोषियों के फांसी पर लटकाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने यूपी से दो जल्लाद मांगे हैं। कानपुर के रहने वाला जल्लाद बूढ़ा हो गया है, इसलिए उम्मीद है कि मेरठ वाला जल्लाद ही इन चारों को फांसी पर लटकाएगा।
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16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप पर पूरे देश ने गुस्सा जाहिर किया। दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया।