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निर्भया के दोषियों को लटकाने से पहले फांसीघर का मुआयना करेंगे ये लोग, जेल में हो रहीं तैयारियां
| Published : Jan 12 2020, 02:11 PM IST
निर्भया के दोषियों को लटकाने से पहले फांसीघर का मुआयना करेंगे ये लोग, जेल में हो रहीं तैयारियां
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रिपोर्ट के मुाताबिक ये पहली बार है जब फांसी के बाद शवों का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि फांसी की तारीख से एक दिन पहले जेल अधिकारी, डाक्टरों की टीम, एसडीमए फांसी घर का मुआयना करेंगे।
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डॉक्टरों की टीम जल्लाद को हिदायत देगी कि दोषियों की लंबाई के हिसाब से रस्सी की लंबाई रखे। जेल सूत्रों का कहना है कि फांसी के दौरान दोषी की गर्दन में झटका ना लगे, इसके लिए फंदा लगाने के बाद शरीर को कुंए में धीरे-धीरे छोड़ा जाएगा। ये सभी तैयारियां जेल में चल रही हैं, तख्त की जांच से लेकर कैदियों पर नजर रखे जाने तक सब प्रक्रिया में है।
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बता दें कि, तिहाड़ में अंतिम फांसी अफजल गुरु को दी गई थी और उसका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था। शव को जेल में ही दफनाया गया था। इससे पहले रंगा-बिल्ला, सतवंत सिंह सहित जितने भी दोषियों को फांसी दी गई है, उनके पोस्टमार्टम नहीं कराए गए थे। हालांकि, अब नए जेल नियम के मुताबिक दोषियों का पोस्टमार्टम कराना होगा। 22 जनवरी को फांसी के बाद निर्भया के चारों दोषियों के शव की जांच होगी।
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निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों को मिली मौत की सजा के खिलाफ दो क्यूरेटिव पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जनवरी को सुनवाई होगी। पांच सदस्यीय बेंच दोषी विनय शर्मा और मुकेश की क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई करेगी। क्यूरेटिव पिटिशन (क्यूरेटिव याचिका) तब दायर किया जाता है जब किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है। ऐसे में क्यूरेटिव पिटिशन ही उस दोषी के पास आखिरी मौका होता है, जिसके जरिए वह तय की गई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है।
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बीते मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया। इसके बाद दोषी मुकेश और विनय की क्यूरेटिव याचिका पर 14 जनवरी को दोपहर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
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गौरतलब है कि दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर 2012 की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था। पीड़िता के शरीर को काटा गया था, प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाली गई थी फिर उसे तड़पता हुआ फेंक दिया गया। निर्भया के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया था। इस केस में निर्भया की मां ने लंबी लड़ाई बेटी को न्याय दिलवाया है।