फांसी की सजा के डर से कांप रहे हैं आरोपी, बचने के लिए बना चुके हैं ऐसे-ऐसे बहाने
| Published : Dec 10 2019, 04:52 PM IST / Updated: Dec 11 2019, 11:05 AM IST
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बस में हेल्पर का काम करने वाले पहले अक्षय कुमार सिंह को जब पकड़ा गया तो उसने 16 दिसंबर की रात को दिल्ली में न होने की बात कही, उसने दावा किया कि, मैं उस रात दिल्ली में ही नहीं था, मैं तो अपने गांव बिहार चला गया था।
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दूसरे आरोपी पवन गुप्ता जो कि फल बेचने का काम करता था ने खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा कि, वो तो दोपहर को ही बस से चला गया था जबकि घटना रात को हुई।
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जिम में फिनेस ट्रेनर का काम करने वाले तीसरे विनय शर्मा ने अबज-गजब बहाना बनाया। पुलिस के सामने खुद को बचाने के लिए उसने कहा- मैं एक शादी में गया था वो भी (पवन गुप्ता दूसरे आरोपी) के साथ।
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चौथे आरोपी मुकेश सिंह ने गैंगरेप की घटना के दौरान मौजूद होने की बात तो कही लेकिन खुद को बकसूर बताया। उसने कहा कि, मैंने कुछ नहीं किया मैं तो सिर्फ बस चला रहा।
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पांचवे आरोपी जो नाबालिग था उसका नाम मोहम्मद अफराज है। नाबालिग होने के कारण इसकी पहचान और नाम उस समय नहीं बताया गया था। इसको जब पुलिस ने पकड़ लिया तो बोला कि मैं तो बच्चा हूं।
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छठा आरोपी राम सिंह बस का ड्राइवर था और एक बड़ा शराबी था। उसने पकड़े जाने पर खुद को बेकसूर बताया था। हालांकि उसे पता था कि उसने कितना बड़ा अपराध किया है पछतावे में आकर उसने कुछ दिन बाद जेल में ही सुसाइड कर लिया था।