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पढ़ने आई थी पाकिस्तानी बेटी, यहीं बनी बहू; लंबी लड़ाई के बाद मिली नागरिकता; अब चुनावी मैदान में
| Published : Jan 15 2020, 03:25 PM IST
पढ़ने आई थी पाकिस्तानी बेटी, यहीं बनी बहू; लंबी लड़ाई के बाद मिली नागरिकता; अब चुनावी मैदान में
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नीता कंवर पाकिस्तान से भारत पढ़ने के लिए आईं थीं। फिर उनकी शादी राजस्थान के एक प्रतिष्ठित परिवार में हो गई। वैसे तो उनकी शादी 8 साल पहले ही हो गई थी, लेकिन सही मायने में वे भारत की बहू पांच महीने पहले ही बनी हैं।
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नीता को लंबे संघर्ष और तमाम कागजी लड़ाई के बाद अब भारत की नागरिकता मिली है। हालांकि, नागरिकता कानून से पहले ही उन्हें नागरिकता मिल गई।
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8 साल पहले नीता की शादी तीन बार सरपंच रहे लक्ष्मण करण के बेटे पुण्य प्रताप करण के साथ हुई है। नागरिकता मिलने के बाद अब वे राजनीतिक मैदान में हैं।
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नीता पांच महीने पहले तक पाकिस्तानी बहू के तौर पर जानी जाती थी। लेकिन इस बार वे भारतीय नागरिक होने के नाते चुनाव मैदान में हैं। दरअसल, नटवाड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच पद के लिए सीट आरक्षित महिला है। इसलिए नीता चुनाव मैदान में उतरी हैं।
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नीता बताती हैं कि उनके चुनाव लड़ने के पीछे उनके ससुर का हाथ हैं। लक्ष्मण करण की प्रेरणा से ही वे चुनाव लड़ रही हैं। नीता के मुताबिक, उन्हें क्षेत्र के लोगों का खूब प्यार मिल रहा है।
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राजस्थान में 18 जनवरी से 1 फरवरी तक तीन चरण में सरपंच चुनाव होने हैं।