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Guwahati Bikaner Express Train accident : एक दूसरे के ऊपर चढ़कर पुर्जे-पुर्जे हो गईं बोगियां...देखें तस्वीरें
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हादसे में ट्रेन की दो बोगियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनसे यात्रियों को निकालने का काम जारी है। स्थानीय लोग सबसे पहले मदद के लिए आगे आए। यहां चारों तरफ चीख पुकार सुनाई दे रही है। हर कोई अपनों को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद में जुटा है।
अब तक रेलवे की तरफ से सिर्फ दुर्घटना की जानकारी दी गई है। उधर, ट्रेन में सवार यात्रियों का का कहना है कि एक जोरदार झटका लगने के बाद ट्रेन की बोगियां पटरी से उतरी गईं। हम कुछ समझ पाते तब तक पूरी ट्रेन की बोगियां पटरी से नीचे थीं।
दुर्घटना के बाद लोग अपनों को तलाश रहे हैं। चीख-पुकार के बीच समझ नहीं आ रहा कि कौन कहां फंसा है। रेस्क्यू जारी है। हादसे के करीब एक घंटे बाद 3 शव बरामद हो सके। 10 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटनास्थल पर रेलवे के अधिकारी और एंबुलेंस पहुंच चुकी हैं। रेलवे सूत्रों का कहना है घटना में मृतकों की संख्या कम हो सकती है, क्योंकि ट्रेन में बहुत ज्यादा यात्री सवार नहीं थे।
दुर्घटना के बाद हर क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल दिखा। जान बचाने की जद्दोजहद के बीच अपनों की सलामती के लिए ट्रेन सवार यात्रियों के पास फोन आने लगे। घटना के बाद एनडीआरएफ की दो टीमें घटनास्थल के लिए रवाना की गई हैं, ताकि बचाव कार्य तेजी से हो सके।
बताया जा रहा है कि ट्रेन में करीब 700 लोग सवार थे। रेलवे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। घटना किस वजह से हुई अब तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। रेलवे के सभी कर्मचारियों को दफ्तर बुला लिया गया है और यात्रियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
हादसे के बाद महिलाएं हो या बच्चे, सभी अपनों की जान बचाने भागते दिखे। यह ट्रेन राजस्थान से चली थी। हादसे की खबर पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की। उधर, रेलवे ने सुरक्षित यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एक ट्रेन रवाना की है। रात की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है।
रात होने की वजह से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। चार से पांच एंबुलेंस घटनास्थल से घायलों को लेकर अस्पतालों में पहुंच रही हैं। गंभीर रूप से घायलों को जलपाईगुड़ी, जबकि सामान्य घायलों को स्थानीय अस्पताल में भेजा जा रहा है। अस्पतालों में भी अफरा-तफरी का माहौल है।
अस्पतालों में न स्ट्रेचर की परवाह है न ड्रिप की। जिसे जो हाथ में मिला लेकर चल दिया। स्थानीय लोग भी मदद में जुटे हैं। रेलवे ने 6 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि ट्रेन में सवार यात्रियों के परिजनों को समय पर जानकारी दी जा सके।