MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • National News
  • एक और जिन्ना: ये हैं वो 6 Victim players, जिन्हें NIA से छुड़वाने मुसलमानों को भड़का रहा था PFI

एक और जिन्ना: ये हैं वो 6 Victim players, जिन्हें NIA से छुड़वाने मुसलमानों को भड़का रहा था PFI

नई दिल्ली. टेरर फंडिंग और देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त चरमपंथी मुस्लिम संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) सहित उससे जुड़े 8 संगठनों पर केंद्र सरकार ने 5 साल का बैन लगा दिया है।  NIA और ED सहित तमाम जांच एजेंसियां पिछले कई दिनों से इसके खिलाफ एक्शन में जुटी थीं। भारतीय मुसलमानों में साम्प्रदायिक नफरत के बीज बो कर 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने की साजिश रचते आ रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) विक्टिम कार्ड खेलने में भी माहिर रहा है। उसके पास एक पूरी टीम रही है, जो अपने साथियों के सपोर्ट में सोशल मीडिया पर कैम्पेन चलाती है। जांच एजेंसियों ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत PFI के ठिकानों पर दो बड़े छापे(पहला-22 सितंबर और दूसरा 27 सितंबर) मारे थे। इस दौरान संगठन से जुड़े तमाम बड़े पदाधिकारियों सहित हर राज्य से अहम कार्यकर्ता अरेस्ट किए गए हैं। इसके बाद PFI ने विक्टिम कार्ड खेलना शुरू किया। उसने अपने आफिसियल twitter हैंडल पर बकायदा एक कैम्पेन चला दिया। इसमें गिरफ्तार अपने साथियों की रिहाई के लिए सपोर्ट मांगा गया था। PFI ने 'STOP WITCH HUNT DEFEAT NIA-RSS NEXUS' टाइटल से कैम्पेन चला रखा था। PFI इस छापेमारी के लिए NIA और RSS की सांठगांठ बताकर मुसलमानों को भड़काने में लगी थी। बता दें कि विच हंटिंग का आशय संदिग्धों को हिरासत में लेने से जुड़ा है। पढ़िए बाकी की कहानी... 

3 Min read
Amitabh Budholiya
Published : Sep 28 2022, 09:50 AM IST| Updated : Sep 28 2022, 10:14 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
16

यह है मोहम्मद अली जिन्ना, जो महासचिव, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का जनरल सेक्रेट्री है। अभी अरेस्ट है। CAA के विरोध को भड़काने में इसका बड़ा रोल रहा है। हालांकि PFI अपने ऊपर लगे वित्तीय आरोपों की रिपोर्टों को खारिज करती रही है। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि PFI से जुड़े 73 बैंक खातों के माध्यम से CAA के विरोध के लिए 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे।

27 सितंबर को PFI ने tweet किया था-प्रिवेंटिव कस्टडी(Preventive Custody) के नाम पर बीजेपी शासित राज्यों में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हो रही हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि पीएफआई को निशाना बनाने के केंद्र सरकार के विच-हंट(संदिग्धों की धरपकड़- witch-hunt targeting) के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोध के अधिकारों की रोकथाम है।

26

PFI के जिन 13 प्रमुख चेहरों को अरेस्ट किया गया, उनमें नेशनल एग्जिक्यूटिव कमेटी मेंबर एएस इस्माइल भी शामिल है। जिन लोगों को अरेस्ट किया गया वे हैं-ओएमए सलाम अध्यक्ष, ईएम अब्दुल रहमान उपाध्यक्ष, अनीस अहमद महासचिव, वीपी नजरुद्दीन सचिव, अफसार पाशा सचिव, मोहम्मद साकिब सचिव, मोहम्मद अली जिन्ना एनईसी सदस्य, प्रोफेसर पी कोया एनईसी सदस्य, वकील मोहम्मद यूसुफ एनईसी सदस्य, अब्दुल वाहिद सैत एनईसी सदस्य, ए एस इस्माइल एनईसी सदस्य, मोहम्मद आसिफ एनईसी सदस्य और डॉ.मोहम्मद मिनारुल शेख एनईसी सदस्य।
 

36

PFI के संस्थापक सदस्य पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी (SIMI) के नेता रहे हैं। PFI का कनेक्शन जमात-उल-मुजाहिद्दीन (JMB) से भी रहा है। ये दोनों संगठन पहले से ही बैन हैं।

PFI के इंटरनेशनल टेरोरिस्ट इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईसआईएस (ISIS) के साथ संबंध सामने आए थे।

 

46

PFI पर बैन लगाने के लिए केंद्रीय सरकार ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967(Unlawful Activities (Prevention) Act यानी UAPA) की धारा 3 की उप-धारा 1 के अधीन शक्तियों का प्रयोग किया गया।

56

PFI के सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI),ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन पर भी बैन। 
NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 और 27 सितंबर को PFIऔर उससे जुड़े संगठनों पर छापेमारी की थी। पहली छापेमारी में 106 और दूसरे राउंड की छापेमारी में 250 PFI नेता-कार्यकर्ता अरेस्ट किए गए।

यह भी पढ़ें-मुसलमानों में 'जहर' भरने वाले PFI को क्यों करना पड़ा बैन, 15 पॉइंट में समझिए इसके देशद्रोही होने की कहानी

66

कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा-मैं इसका स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार ने सांप्रदायिक पीएफआई और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की है जो देश में आतंकवादी कृत्यों को सहायता और बढ़ावा दे रहे थे।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा-कई राज्यों में आतंकवादी घटनाएं (PFI द्वारा) हुईं, राष्ट्र को विघटित किया और हिंसा फैलाई। इसलिए हम इस कदम का स्वागत करते हैं।

यह भी पढ़ें-PFI सहित उससे जुड़े 8 संगठनों पर 5 साल का बैन, NIA और ED की छापेमारी के बाद सरकार का एक्शन
 

About the Author

AB
Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved