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शहीद पिता को कांपते हाथों से मुखाग्नि दे बेहोश हो गई थी बिटिया, फिर उठी और बोली मैं भी लड़ूंगी

कन्नौज. आज 14 फरवरी है पिछले साल इसी दिन पूरा देश शोक और दर्द में डूबा था। 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद शहीदों को परिवार में कोहराम मच गया। कहीं बेटी सुधबुध खो बैठी तो कहीं पत्नी बेहोश हो गई, कही बेटे ने पिता की शहादत पर दुश्मनों से बदला लेने की हुंकार भरी। इन 40 जवानों को परिवार के दुख का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता जिन्होंने अपने घर के एकमात्र सहारे और सिपाही को खोया है। पुलवामा हमले में उत्तर प्रदेश के एक जवान भी शहीद हुए थे। नाम था प्रदीप यादव। देश के लिए जान दे गए प्रदीप यादव का परिवार उनके असमय छोड़ जाने पर गहरे दुख में डूब गया। आज जब सारा देश पुलवामा हमले की बरसी पर उन्हें श्रद्धाजंली दे रहा है तो हम उनकी बहादुर बेटी को याद कर रहे हैं। 

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Asianet News Hindi
Published : Feb 14 2020, 02:37 PM IST
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पुलवामा में कन्नौज के प्रदीप यादव भी शहीद हो गए थे। इस हमले में ज्यादातर जवानों के शरीर के चिथड़े उड़ गए थे। उनके शव के नाम पर घर पर मात्र कुछ टुकड़े ही पहुंचे थे। जवानों पर किए गए इस आंतकी हमले को लेकर आज भी लोगों में गुस्सा और दुख है। ऐसे में जब शहीद जवान प्रदीप यादव का शव उनके घर पहुंचा तो परिवार में चीख पुकार मच गई।
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सेना में सेवा कर रहे फौजी पिता को तिरंगे में लिपटा देख बच्चे रो पड़े। शहीद प्रदीप की दो प्यारी बेटी भी हैं। जो पिता के काफी क्लोज थीं। हमले में शहीद पिता को बड़ी बेटी ने ही मुखाग्नि देने का फैसला किया।
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बड़ी बेटी सुप्रिया ने मुखाग्नि दी लेकिन इसके बाद वो बेहोश हो गई। जब तिरंगे में लिपटा पिता का पार्थिव शरीर घर पहुंचा। मात्र 10 साल की सुप्रिया ने रोते हुए कंपकपाते हाथों से हुजूम के बीच पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो हर किसी की आंखों में आंसू थे। मुखाग्नि देने के कुछ सेकेंड बाद ही सुप्रिया वहीं बेहोश होकर गिर पड़ी। सेना के जवानों ने फौरन उसे गोद में उठाया और चेहरे पर पानी की कुछ बूंदें डालीं।
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जिसके बाद उसे होश आया। बेटी पिता से बहुत प्यार करती थी, उनकी लाडली थी, पिता के अंतिम संस्कार के बाद उसने कहा कि, मैं हारूंगी नहीं बल्कि लड़ूंगी और पापा के हर सपने को सच कर दिखाउंगी।
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तिरंगे में लिपटे सीआरपीएफ के जवान प्रदीप सिंह यादव का पार्थिव शरीर देख गांव में हर कोई आंसू लिए उन्हें अंतिम विदाई दे रहा था। पूरी रात जागकर शहीद के दीदार के लए टकटकी लगाए गांव और आसपास के लोगों का दर्शन के लिए तांता लग गया था। शहीद की दस साल की बड़ी बेटी ने कंपकपाते हाथों से पिता को मुखाग्नि दी थी। उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई रहीं।
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बेटी का बेबस चेहरा देख हर कोई उनके दुख में साथ था। सीआरपीएफ के जवान जब अपने साथी का पार्थिव शरीर लेकर गांव में दाखिल हुए तो हर तरफ से सिसकने और बिलखने की आवाज आने लगी थीं। अंतिम संस्कार से पहले वहां भारी संख्या में मौजूद अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजली और सलामी दी। शहीद प्रदीप, आजाद अमर रहे, हिंदुस्तान जिंदाबाद, आतंकवादियों को सजा दो जैसे नारे लगे।
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पुलवामा हमला देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति था। हमले का असर ददुनिया भर में था। फिल्मी हस्तियों ने भी इस पर शोक जाताया था। सुपरस्टार और महानायक अमिताभ बच्चन ने शहीद प्रदीप की बेटी से मुलाकात की और उसे 5 लाख का चेक भी दिया। उन्होंने अपना फोन नंबर देकर उसे किसी भी जरूरत के लिए याद करने का आश्वासन भी दिया।

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