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'डबल बैरल' है मेरा बेटा, क्रिकेट खेलने से लेकर मंत्री बनने तक...यूं सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए सिंधिया
नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा कि सिंधिया कांग्रेस पार्टी के व्यवहार से काफी दुखी चल रहे थे। जिसके बाद उन्होंने खुद को पार्टी से अलग करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया। सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद उनके खेमे के अन्य 19 विधायकों ने भी त्याग पत्र भेज दिया है। जिसके बाद से मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार भी संकट में आ गई है। इन सब के बीच आईए जानते है ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में कैसे कार रेसिंग के शौख से लेकर सियासत की सीढ़िया चढ़ीं।
| Published : Mar 10 2020, 04:37 PM IST / Updated: Mar 10 2020, 06:40 PM IST
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1993 में हावर्ड यूनिवर्सिटी से इकॉनमी में डिग्री ली थी। पढ़ाई खत्म करने के बाद ज्योतिरादित्य ने अमेरिका में लगभग साढ़े चार साल काम किया।
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12 दिसंबर 1994 में प्रियदर्शनी राजे से उनकी शादी हुई थी। प्रियदर्शनी बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की राजकुमारी हैं। वह दुनिया की 50 सबसे खूबसूरत औरतों में शुमार की जा चुकी हैं।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया बहुत ही सरल और सहज स्वभाव के शख्सियत है। वह अपनी गाड़ी में एयरकंडीशन्ड चलाना पसंद नहीं करते हैं और कभी चलाते भी नहीं है।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया अपने बेटे को "डबल बैरल" की ऐसी बंदूक कहते थे जिसे मालूम है कि पेशेवर अंदाज में उसे कैसे चलाया जाता है।
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ज्योतिरादित्य और उनके पिता के कई किस्से है, जिसमें ट्रेजरी हंट, जंगल में खुले में घूमने जैसे खेल शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि माधवराव उन्हें निडर और साहसी बनाना चाहते थे, इसलिए बचपन में उन्हें टफ टास्क देते थे।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के शौकीन हैं। सिंधिया के बारे में कहा जाता है कि बाल की खाल निकालकर ही कोई अगला कदम उठाते हैं।
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स्कूल के दिनों में ज्योतिरादित्य को शूटिंग और तीरंदाजी बहुत पसंद थी। माधवराव सिंधिया की तरह ही ज्योतिरादित्य को भी क्रिकेट का काफी शौक है। 10-12 साल की उम्र से ही उन्हें कार रेसिंग का शौक लगा।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया खाने में महाराष्ट्रियन दाल और फिश वाइन बेहद पसंद करते हैं। सिंधिया का मानना है कि मछली की आंख पर निशाना लगाना मात्र ही लक्ष्य की प्राप्ति नहीं है।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया सियासत में पिता के पद चिन्हों पर चल रहे हैं। फिलहाल उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। सिंधिया 2002 में कांग्रेस से जुड़े थे।
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सिंधिया से पहले उनके राजघराने से उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल है। जबति दोनों बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया व यशोधरा राजे सिंधिया मौजूदा समय में भाजपा से जुड़ी हुई हैं।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया का आशियाना पूरी दुनिया में खास है। वे 1874 में यूरोपियन शैली में बने शानदार महल जयविलास पैलेस में रहते हैं। इस शाही महल में कुल 400 कमरें हैं। महल की छतों पर सोना लगा हुआ है।