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असम के सिलचर के बाद भद्राचलम में 36 साल बाद आई इस बाढ़ को लेकर साजिश की आशंका, CM ने की विशेष 'शांति पूजा'
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भारी बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अपने दौरे के तहत राव ने भद्राचलम से एतुरु नगरम तक का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने गोदावरी नदी और पुल से आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भी देखी।
हालांकि अब बाढ़ का पानी उतर रहा है, लेकिन असली चुनौती इसके बाद है। लोगों को राहत देने लगातार कोशिशें जारी हैं।
मुख्यमंत्री राव ने गोदावरी नदी की विशेष शांति पूजा की और सिंदूर और हल्दी भेंट की। उन्होंने बांध की डयूरेबिलिटी की जांच की और अधिकारियों को बांध को मजबूत करने के लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने भद्राचलम में रिलीफ कैम्पों का दौरा किया। उन्होंने वहां के लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों से शिविरों में आवश्यक वस्तुओं, दवाओं और अन्य सुविधाओं की आपूर्ति के बारे में भी जाना।
तत्काल 10 हजार रुपये और प्रत्येक परिवार को अगले दो महीनों के लिए 20 किलो चावल मुफ्त देने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री राव ने बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए विशेष फंड जारी करने की घोषणा की। मुलुगु के लिए 2.50 करोड़ रुपए, भद्राचलम के लिए 2.30 करोड़ रुपये, भूपालपल्ली के लिए 2 करोड़ रुपए और महबूबाबाद के लिए 1.50 करोड़ रुपए मंजूर किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के मंदिर को विकसित करने के लिए जल्द ही भद्राचलम जाएंगे। यहां की खड़ी फसल भी डूब गई है। अब तक 25,000 बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
भद्राचलम में ऐसी बाढ़ देखकर सब हैरान हैं। हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने मुलुगु और भद्राचलम में राहत कार्यों के लिए एक-एक हेलिकॉप्टर लगाने का निर्देश दिया है, जब तक कि दोनों इलाके बाढ़ के खतरे से मुक्त नहीं हो जाते।
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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए पुलों और पुलियों की मरम्मत करने के निर्देश दिए। युद्धस्तर पर बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए भी कहा गया है।