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श्रद्धा मर्डर के ये हैं वो गवाह,जो Live In पार्टनर की हत्या करने वाले दरिंदे आफताब को फांसी तक पहुंचा सकते हैं
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ये गवाह आफताब को सजा दिलाने के लिए काफी हैं
लिव इन पार्टनर श्रद्धा की क्रूरता से हत्या करने वाले आफताब ने मंगलवार(22 नवंबर) को कोर्ट में अपना जुर्म कबूल किया है। लेकिन आफताब के वकील ने ऐसे किसी कबूलनामे से इनकार किया है। इस केस को सुलझाने और आरोपी को फांसी या अन्य कड़ी सजा दिलाने दिल्ली पुलिस की कई टीमें इन्वेस्टिगेशन में जुटी हैं। दिल्ली पुलिस 5 राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र (मुंबई), हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सबूत और गवाहों को तलाश रही है। आइए जानते हैं, वे कौन लोग हैं, जो आफताब की करतूत से पर्दा उठा चुके हैं?
1. श्रद्धा के पिता विकास वालकर: श्रद्धा के शव के टुकड़ों की पहचान करने पुलिस ने इनका DNA सैंपल लिया है। अगर दोनों के DNA मैच हो गए, तो साबित हो जाएगा कि पुलिस को मिले बॉडी पार्ट्स श्रद्धा के ही हैं। पिता पुलिस के पहले ही बयान दे चुके हैं कि आफताब अकसर उनकी बेटी को मारता-पीटता था। हालांकि पिता की गवाही से कहीं अधिक पुलिस का पूरा फोकस अन्य 10 गवाहों पर रहेगा।
2. गोविंद यादव: ये मुंबई में गुडलक नाम से पैकर्स एंड मूवर्स सर्विस चलाते हैं। जिस दिन यानी 18 मई को श्रद्धा की हत्या हुई थी, उसके 18 दिन बाद 5 जून को आफताब ने अपना सामान इन्हीं के जरिये मुंबई से दिल्ली शिफ्ट करवाया था। 37 बॉक्स में सामान पैक किया गया था।
3. राजेश कुमार. जब आफताब-श्रद्धा मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हुए थे, तब फ़्लैट में प्लंबर राजेश कुमार ने ही उन्हें पानी की सप्लाई के बारे में बताया था।
4. राहुल राय: ये श्रद्धा दोस्त है, जो मुंबई में रहता है। इसी ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि 2020 में आफताब ने श्रद्धा को बुरी तरह से मारा-पीटा था।
5 गॉडविन: ये हैं श्रद्धा के दोस्त के भाई। इन्हीं की हेल्प से श्रद्धा की मिसिंग रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में कराई गई थी। तब आफताब के खिलाफ शिकायत की गई थी।
6. करण बारी: ये हैं श्रद्धा के मैनेजर। 24 नवंबर, 2020 को आफताब ने श्रद्धा को बुरी तरह पीटा था। श्रद्धा ने इसकी जानकारी वॉट्सऐप के जरिये इनको दी थी।
7. डॉ. अनिल कुमार: आरी से श्रद्धा की बॉडी के टुकड़े करने के दौरान आफताब का भी हाथ कट गया था। तब वो अपना इलाज कराने दिल्ली के इन्हीं डॉक्टर के पास गया था।
8. रजत शुक्ला: ये हैं श्रद्धा के दोस्त। 2019 में सबसे पहले श्रद्धा ने इन्हें ही बताया था कि वो 2018 से आफताब के साथ रिलेशनशिप में हैं और लिवइन में रहने लगी है।
9. लक्ष्मण: ये हैं श्रद्धा के दोस्त। इन्होंने दिल्ली पुलिस के बयान दिया है कि मुंबई से दिल्ली शिफ्ट होने के बाद श्रद्धा ने उसके मैसेज तक का रिप्लाई नहीं किया था। तब इन्हें शक हुआ था कि कुछ तो गड़बड़ हुई है।
10.सुदीप सचदेवा: इन्हीं की हार्डवेयर की दुकान से आफताब ने श्रद्धा की बॉडी के टुकड़े करने आरी खरीदी थी। उस समय आफताब नार्मल दिख रहा था।
11. कुलदीप सिंह: श्रद्धा की लाश के टुकड़े करने के बाद आफताब ने छतरपुर में इन्हीं की दुकान से 19 मई को नया फ्रीज खरीदा था। इसमें लाश के टुकड़े रखे गए थे।
अब तक का ये भी अपडेट जानिए
कोर्ट की अनुमति के बाद मंगलवार को आफताब अमीन पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। जिस फ़्लैट में दोनों रहते थे, वहां से पुलिस को खून के धब्बे सहित और कई सबूत मिले हैं। कोर्ट ने उसकी पुलिस रिमांड 4 दिनों के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले पूनावाला ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उसने यह हत्या गुस्से में आकर की। वहीं, आरोपी के वकील अविनाश कुमार ने तर्क दिया कि ऐसा उसने जानबूझकर नहीं किया था। सूत्रों ने कहा कि पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए एक प्रश्नावली तैयार की गई है, ताकि इस जघन्य हत्याकांड में घटनाओं के क्रम का पता लगाया जा सके। पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद पुलिस के नार्को टेस्ट कराने की संभावना है, जिसकी अनुमति अदालत ने पिछले सप्ताह दी थी।
पुलिस को वॉकर का कटा हुआ सिर और शरीर के अन्य अंग अभी तक नहीं मिले हैं। हालांकि पुलिस को उम्मीद है कि हत्या के हथियार सहित महत्वपूर्ण सबूत बरामद करने के लिए सुराग मिलने की उम्मीद है, जो उनके मामले को मजबूत कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने हथियार और औजारों को मई के बाद गुड़गांव में डीएलएफ फेज III वन क्षेत्र में फेंक दिया था, जिसका इस्तेमाल वाकर के शरीर को 35 टुकड़ों में काटने के लिए किया गया था। मंगलवार शाम को विशेषज्ञों ने आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया। एफएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया में समय लग रहा है। यह एक या दो दिन तक चल सकता है।
मंगलवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद पूनावाला को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उनकी हिरासत चार और दिनों के लिए बढ़ा दी। इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वाकर हत्याकांड की जांच को दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।