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ट्रेन की गर्मी सह नहीं सकी 18 दिन की मासूम, हुई मौत...रोती मां ने कहा, मेरी बेटी को मार डाला
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"ट्रेन में बहुत गर्मी थी"
पिता दिलदार अंसारी ने बताया, ट्रेन के अंदर बहुत गर्मी थी। ओडिशा में बेहरामपुरे और बालेश्वर के बीच हमें लगा कि बेटी बेसुध हो गई है। हमने तुरंत ट्रेन के गार्ड को सूचित किया। हमने 139 भारतीय रेलवे के टोल-फ्री नंबर पर डायल किया। उन्होंने हमें राज्य सरकार से संपर्क करने के लिए कहा, क्योंकि हम बंगाल से हैं। वहीं मां ने कहा कि मैं अपनी बच्ची के लिए किसे जिम्मेदार ठहराऊं।
"पुलिस ने मदद की, लेकिन बेटी जिंदा नहीं बची"
मैंने पुरुलिया में अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन को फोन किया। अधिकारियों ने कहा कि वे मदद करेंगे। पुलिस ने हमारी मदद की लेकिन दुख की बात है कि हमारी बेटी अब जिंदा नहीं है।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 80 लोगों की मौत हो चुकी है
श्रमिक स्पेशल में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें 9 से 27 मई के बीच हुई हैं। मिली जानकारी के मुताबिक 23 मई को 10 मौत, 24 मई को 9 मौत, 25 मई को 9 मौत, 26 मई को 13 मौत, 27 मई को 8 मौत इनमें से 11 मौतों को लेकर कारण बताए गए हैं। जिनमें पुरानी बीमारी या फिर अचानक बीमार पड़ने का हवाला दिया गया है। इसमें एक उस शख्स की भी मौत हुई है जिसको कोरोना वायरस से संक्रमित बताया गया है।
ट्रेन में कराई गई 30 से ज्यादा डिलीवरी
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया, भारतीय रेलवे ने अपने डॉक्टर भेजकर ट्रेन में 30 से ज्यादा डिलीवरी कराई हैं। भारतीय रेलवे के डॉक्टरों और नर्सों ने 24 घंटे काम करके जहां जरूरत है वहां पहुंच कर डिलीवरी कराई और अस्पताल घर में शिफ्ट किया।
28 मई तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं
28 मई तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चली हैं। करीब 52 लाख यात्री जा चुके हैं। पिछले एक हफ्ते का औसत 1,524 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें और करीब 20 लाख यात्रियों का है। पिछले एक हफ्ते में हमने प्रतिदिन करीब 3 लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।