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पति की याद में 33 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट बनी महिला, देशभक्ति के जज्बे को स्मृति ईरानी का सलाम
नई दिल्ली. कंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लेफ्टिनेंट गौरी प्रसाद महादिक की सक्सेस स्टोरी शेयर की है। गौरी शहीद मेजर प्रसाद गणेश की पत्नी हैं। गणेश 2017 में भारत-चीन बॉर्डर के पास उग्रवादियों के हमले में शहीद हो गए थे। पति की मौत के बाद गौरी को झटका सा लगा और उन्होंने भी सेना की वर्दी पहनने की ठानी। उन्होंने कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़ दी और आर्मी की तैयारी में जुट गईं। सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (SSB) के एग्जाम में बैठीं। पहली कोशिश में कामयाबी तो हाथ नहीं लग पाई थीं, लेकिन हौसलों को उड़ान मिल चुकी थी। इससे अगले एग्जाम में उन्होंने सीधा टॉप कर दिया।
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ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद गौरी ने बतौर लेफ्टिनेंट मार्च 2020 में भारतीय सेना ज्वॉइन की। 33 साल की गौरी अपने पति की याद में सेना में भर्ती हुई हैं। उनकी हिम्मत और देशभक्ति के जज्बे को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सलाम किया है।
केंद्रीय मंत्री गौरी के जज्बे के सलाम करते हुए लिखती हैं कि 'जहां ज्यादातर लोग टूट जाते हैं, ऐसे में उन्होंने सारे गमों को अपना हौसला बनाया और सर्वाइव किया। वो गौरी पर बेहद गर्व महसूस करती हैं कि वह भारतीय नारी की ताकत को बतलाने सबके बीच में हैं। स्मृति कहती हैं कि अगर आप कभी इन्हें देखें तो इन्हें और इनके जैसी महिलाओं से कहें कि हम आपकी सेवा और बलिदान के आभारी हैं।'
स्मृति ईरानी ने इसके साथ गौरी का एक पुराना वीडियो भी शेयर किया है, इसमें वो आर्मी ज्वॉइन करने की वजह और मेजर गणेश के बारे में बात करती हैं। शहीदों की विधवाओं के लिए आयोजित होने वाली विशेष SSB परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाली गौरी ने तब कहा था कि पति की शहादत के 10 दिनों के बाद वो सोच रही थीं कि वो अब क्या करें।
इसके बाद उन्होंने प्रसाद के लिए कुछ करने को सोचा और सेना ज्वॉइन करने को ही अपना लक्ष्य बना लिया। गौरी ने कहा था कि उन्होंने यह तय कर लिया था कि पति की ही यूनिफॉर्म और स्टार्स को पहनेंगी। यह अब उन दोनों की यूनिफॉर्म होगी। अब चेन्नै की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी में ट्रेनिंग के बाद वो अगले साल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट ज्वॉइन करेंगी। इसी जगह पर उनके पति ने भी ट्रेनिंग ली थी और अब वो भी उन्हीं की तरह से कड़ी ट्रेनिंग से गुजरने के लिए तैयार हैं।'
मेजर प्रसाद महादिक जब शहीद हुए थे तो गौरी के साथ उनकी शादी को दो साल ही हुए थे। मेजर महादिक (31) भारतीय सेना की 7 बिहार रेजिमेंट में अधिकारी थे। भारत-चीन बॉर्डर के पास तवांग में उनकी पोस्टिंग थी, जहां 30 दिसंबर 2017 को उग्रवादियों की फायरिंग में वह शहीद हो गए थे। सुबह 6 बजे उनके बैरक पर गोलीबारी शुरू हो गई थी।
गौरी के मुताबिक, 'भोपाल और इलाहाबाद में एग्जाम के वक्त उन्हें चेस्ट नंबर 28 दिया गया था, जो कि उनक पति का भी यही नंबर था। इसके अलावा मेडिकल टेस्ट में उन्हें 45 चेस्ट नंबर दिया गया था, जो कि उनके पति के जन्म की तारीख 9 (4+5) है। वो उनके लिए लकी हैं और उन्हें हर पल अपने साथ मानती हैं।'
फोटो सोर्स- गूगल।