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विकास दुबे ने दर्शन के लिए पर्ची पर सही नाम लिखवाया, जानिए उज्जैन महाकाल मंदिर में ही क्यों किया सरेंडर ?
नई दिल्ली. कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों का हत्यारा विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। एमपी पुलिस ने उसकी गर्दन पकड़ दबोच लिया। फिर भी उसकी हेकड़ी कम नहीं हुई। वह चिल्लाते हुए कहने लगा, मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इतना कहते ही वहां मौजूद पुलिसवालों ने उसे दो थप्पड़ जड़ा और गाड़ी में बैठा दिया। आपको क्रमवार बताते हैं कि आखिर कैसे विकास दुबे महाकाल मंदिर में गिरफ्तार हुआ?
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पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में विकास दुबे से पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि पुलिसवालों के शवों को जलाकर सबूत मिटाने की योजना थी। मैंने सभी साथियों को अलग-अलग भागने के लिए कहा। चौबेपुर के अलावा दूसरे थानों में भी मेरे मददगार थे। विकास ने पुलिस के लूटे हुए हथियारों के बारे में भी बताया। पुलिसकर्मियों के शव को जलाने के लिए तेल लाए थे। हमें खबर थी कि पुलिस सुबह आएगी। लेकिन पुलिस सुबह की बजाय रात में ही आ गई।
कानपुर में पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास शहर में ही दो दिन तक रहा। फिर फरीदाबाद भाग गया। इसके बाद उज्जैन। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर विकास दुबे ने दो राज्यों से होते हुए मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्यों सरेंडर किया?
पहले खबर आई कि विकास दुबे फरीदाबाद के एक होटल में है। फिर गुरुवार की सुबह वह उज्जैन पहुंचा। वहां महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास दुबे को डर था कि कहीं यूपी पुलिस उसका एनकाउंटर ना कर दे, इसलिए वह भागकर उज्जैन आया।
विकास दुबे ने नीली धारियों वाली टी शर्ट और मास्क लगाकर दर्शन के लिए वाआईपी पर्ची कटवाई। इसके लिए उसने 250 रुपए भी दिए।
विकास दुबे को पता था कि मंदिर में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के अलावा उज्जैन पुलिस भी तैनात है। फिर भी उसने पर्ची पर अपना सही नाम लिखवाया। इतना ही नहीं, उसने मोबाइल नंबर भी दिया।
पर्ची कटवाने के बाद विकास दुबे प्रसाद की एक दुकान पर पहुंचा और कहा कि वह अपना बैग रखा।
प्रसाद की दुकान पर बैग रखने के बाद वह पर्ची दिखाकर महाकाल मंदिर के नई टनल वाले एक नंबर गेट से दाखिल हुआ।
अंदर जाने के दौरान एक सिक्योरिटी गार्ड को शक हुआ। उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखे।
विकास पर्ची लेकर मंदिर के अंदर दर्शन करने पहुंचा। इधर दूसरी तरफ सिक्योरिटी गार्ड उसकी पहचान में लगा हुआ था। पुलिस उसकी लोकेशन देखकर मंदिर के अंदर दाखिल हुई और उसे हिरासत में ले लिया।
जब पुलिस उसे बाहर लेकर आ रही थी तो उसने चिल्लाकर बोला- मैं ही विकास दुबे हूं। कानपुर वाला। उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की। पुलिस पूरी तरह से यह कन्फर्म कर लेना चाहती थी कि इतनी आसानी से गिरफ्त में आया आदमी विकास दुबे ही है।
जब पुलिस को यकीन हो गया तो सुबह 10 बजे के करीब खबरें आईं कि विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 5 लाख के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी हो गई है। अभी वह पुलिस की कस्टडी में है।
पुलिस ने बुधवार को ही विकास के करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया था। अमर हमीरपुर में छिपा था। अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
विकास की तलाश में यूपी के अलावा दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान पुलिस अलर्ट है। विकास मंगलवार को फरीदाबाद के एक होटल में देखा गया था, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही फरार हो गया।
विकास दुबे की मां ने कहा, वो(विकास दुबे) उज्जैन के महाकाल मंदिर में हर साल जाता था। सरकार जो उचित समझे वो करे, मेरे कहने से कुछ नहीं होगा।
एडीजी उत्तर प्रदेश ने कहा, विकास दुबे को लाने के लिए यहां से विवेचक जाएंगे। जो नियम अनुसार कार्रवाई होगी वो की जाएगी। कानपुर मुठभेड़ के जो भी आरोपी फरार चल रहे हैं उनको पकड़ा जाएगा। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक सभी अभियुक्तों को सज़ा न दिला दें।