- Home
- National News
- अयोध्या में राम के होने के 10 सबसे बड़े सबूत, जिसे मानकर SC ने कहा, जमीन रामलला की है
अयोध्या में राम के होने के 10 सबसे बड़े सबूत, जिसे मानकर SC ने कहा, जमीन रामलला की है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला के लिए दी। इसके लिए कोर्ट ने ASI की रिपोर्ट को सबूत के तौर पर माना। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने एकमत से फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार को मंदिर बनाने का अधिकार दिया है।
| Published : Nov 09 2019, 01:48 PM IST / Updated: Nov 09 2019, 07:57 PM IST
अयोध्या में राम के होने के 10 सबसे बड़े सबूत, जिसे मानकर SC ने कहा, जमीन रामलला की है
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
110
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 1934 के दंगों के बाद मुसलमानों का वहां कब्जा नहीं रहा। वह जगह पर Exclusive Possession साबित नहीं कर पाए हैं, जबकि यात्रियों के वृतांत और पुरातात्विक सबूत हिंदुओं के हक में हैं।
210
कोर्ट ने कहा, 1856 से पहले हिंदू भी अंदरूनी हिस्से में पूजा करते थे। रोकने पर बाहर चबूतरे की पूजा करने लगे। फिर भी मुख्य गुंबद के नीचे गर्भगृह मानते थे इसलिए रेलिंग के पास आकर पूजा करते थे।
310
कोर्ट ने कहा, मुसलमान दावा करते हैं कि मस्ज़िद बनने से 1949 तक लगातार नमाज पढ़ते थे लेकिन 1856-57 तक ऐसा होने का कोई सबूत नहीं है।
410
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू वहां परिक्रमा किया करते थे। लेकिन टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता।
510
कोर्ट ने कहा, गवाहों के क्रॉस एग्जामिनेशन से हिन्दू दावा झूठा साबित नहीं हुआ। ऐतिहासिक ग्रंथों, यात्रियों के विवरण, गजेटियर के आधार पर दलीलें रखीं।
610
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चबूतरा,भंडार, सीता रसोई से भी दावे की पुष्टि होती है, लेकिन टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता।
710
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिन्दू अयोध्या को राम भगवान का जन्मस्थान मानते हैं। मुख्य गुंबद को ही जन्म की सही जगह मानते हैं। अयोध्या में राम का जन्म होने के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया।
810
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी। नीचे विशाल रचना थी, वह रचना इस्लामिक नहीं थी। वहां मिली कलाकृतियां भी इस्लामिक नहीं थीं।
910
कोर्ट ने ASI के उत्खनन को सबूत माना है। कहा है कि उसे अनदेखा नहीं कर सकते हैं।
1010
कोर्ट ने कहा, विवादित ढांचे में पुरानी संरचना की चीजें इस्तेमाल हुईं। कसौटी का पत्थर, खंभा आदि देखा गया। ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर तोड़कर विवादित ढांचा बना था या नहीं। 12वीं सदी से 16वीं सदी पर वहां क्या हो रहा था, ये साबित नहीं।