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75 दिन बाद 8 जून को खुलेंगे मंदिर, लेकिन आसान नहीं होंगे 'कोरोना' के साए में ये दर्शन
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद से ही पूरे देश में धार्मिक स्थल बंद हैं। अब अनलॉक की शुरुआत हुई है। इसके तहत 8 जून यानी 75 दिन बाद मंदिर खुलेंगे। ऐसे में सरकार ने साफ कर दिया है कि धार्मिक स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना चाहिए। केंद्र की एडवाइजरी के बाद अब राज्यों ने भी मंदिर खोलने के लिए एसओपी जारी की है। आईए जानते हैं कि कोरोना के साए में भगवान के ये दर्शन कितने कठिन होने वाले हैं।
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नई गाइडलाइन के मुताबिक, मंदिर सिर्फ कंटेनमेंट के बाहर वाले इलाकों में खुलेंगे। कंटेनमेंट एरिया में मंदिरों को खोलने की छूट नहीं दी जाएगी। इसके अलावा 65 सालों से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 10 साल से छोटे बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाएं घर पर रहें।
मास्क पहनना जरूरी है। इसके अलावा लोगों को 6 फीट की सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी। इसके अलावा थोड़ थोड़े समय में हाथ साबुन से धोने होंगे। अगर हाथ गंदे ना हों तो सैनिटाइजर से धोना होगा।
थूकने पर भी रोक रहेगी। इसके अलावा सभी को आरोग्य सेतु डाउनलोड करने की सलाह दी जाएगी।
धार्मिक स्थल पर एंट्री गेट पर हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था करनी होगी। सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है। अगर किसी भी श्रद्धालु को खांसी, जुखाम, बुखार हो तो उसे धार्मिक स्थल में एंट्री नहीं मिलेगी।
धार्मिक स्थल पर फेस मास्क जरूरी
नई गाइडलाइन के मुताबिक, श्रद्धालुओं को फेस मास्क पहनना जरूरी है, तभी एंट्री मिलेगी। धार्मिक स्थलों पर कोरोना महामारी से जागरुक करने वाले पोस्टर, बैनर लगाने जरूरी है।
जूते, चप्पल श्रद्धालुओं को खुद की गाड़ी में उतारने होंगे। अगर ऐसी व्यवस्था नहीं है तो परिसर से दूर खुद की निगरानी में रखना होगा। मंदिर के अंदर, पार्किंग में और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना जरूरी होगा।
मंदिर परिसर में सभी दुकानें, स्टाल, कैफे आदि भी सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ खुलेंगे।
मंदिर में सिटिंग के वक्त भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। इसके अलावा मंदिर में एसी भी 24-30 डिग्री तापमान पर ही चलेगी। मूर्तियों को छूने, पवित्र किताबों को भी हाथ लगाने की मनाही होगी। इसके अलावा बड़ी संख्या में भक्तों के इकट्ठा होने पर रोक रहेगी।
इसके अलावा मंदिर परिसर में प्रसाद, पवित्र जल का वितरण भी नहीं हो सकेगा। मंदिर प्रशासन द्वारा निश्चित समय में सैनिटाइजेशन और साफ करना होगा। इसके अलावा फ्लोर को भी कई बार साफ करना होगा।
कोरोना पॉजिटिव मिलने पर क्या करना होगा?
अगर धार्मिक स्थल में कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो बीमार व्यक्ति को अलग आइसोलेट किया जाए। इसके अलावा उसका तुरंत मुंह ढककर उसे डॉक्टर को दिखाया जाए। पूरे स्थल को डिसइंफेक्शन करना होगा।