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बबूल के पेड़ से होने लगी नोटों की बारिश, पाने के लिए टूट पड़े लोग; फिर सामने आई ये चौंकाने वाली हकीकत
आगरा. आगरा में अचानक एक बबूल के पेड़ से नोटों की बारिश होने लगी, पेड़ से गिरते 500 के नोटों को जिसने भी देखा उसे पाने की चाह में दौड़ पड़ा। नजदीक जाकर पता चला कि नोट एक बंदर फेंक रहा था। वह दो-चार नोट फेंकता और छलांग लगाकर एक डाल से दूसरी पर पहुंच जाता। ऐसा तब तक चला जब तक कि पूरी गड्डी (50 हजार रुपये) खत्म नहीं हो गई। बंदर इस गड्डी को एक कार से निकाल कर लाया था। कार में पांच लाख रुपये रखे हुए थे, और उसकी खिड़की खुली थी।
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जिले की बाह तहसील के पास स्थित महिला अस्पताल परिसर में सोमवार को दोपहर 12 बजे लोगों ने बबूल के पेड़ से 500 रुपये के नोटों बारिश होती देखी तो बटोरने के लिए टूट पड़े।
जैतपुर के चौबेपुरा गांव के राकेश पुत्र तुलसीराम ने खेत खरीदा था। सोमवार को सुबह करीब 11:30 बजे वह कार से बैनामे के लिए तहसील गए थे। तहसील के पास में महिला अस्पताल परिसर में उन्होंने कार खड़ी कर दी थी। कार में एक झोले में पांच लाख रुपये रखे थे। कार की खिड़की खुली रह गई। राकेश तहसील में वकील के पास चले गए। इसी दौरान कार में घुसे बंदर ने झोले में रखे नोट खंगाल डाले।
कार में नोट बिखरने के अलावा 50 हजार की एक गड्डी लेकर बंदर बबूल के पेड़ पर चढ़ गया। मौके पर मौजूद ग्रामीण राजकुमार ने बताया कि बबूल के पेड़ की डालियों पर उछलकूद कर रहे बंदर के हाथ से नोट गिरने लगे। पास में बैठी महिलाओं ने नोट बटोरने शुरू कर दिए और आसपास के और लोग भी आ गए। लोगों को नोट लपकते देख बंदर ने खुद भी गिराने शुरू कर दिए।
नोटों के चक्कर में भीड़ जुटने की सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। तब तक पूरी गड्डी खत्म हो चुकी थी। लोग नोट लेकर जा रहे थे। पुलिस को लोगों ने बताया कि नोट बंदर ने फेंके हैं। पुलिसवाले बंदर को देखने के लिए पेड़ के नजदीक गए तो बंदर भाग गया। कार स्वामी राकेश तहसील से लौटा तो देखा कि कार में नोट बिखरे हुए हैं। उसने गिनती की तो एक गड्डी कम मिली। पुलिसवालों से पूछा तो बताया कि बंदर एक गड्डी ले गया था, उसने नोट फेंके, लोग ले गए।
राकेश ने बताया कि पांच लाख में से 50 हजार रुपये कम हैं। इंस्पेक्टर विनोद कुमार पवार ने बताया कि बंदर कार की खुली खिड़की से नोट की गड्डी लेकर पेड़ पर चढ़ गया था और नोट नीचे गिराने लगा था। ये तो ठीक रहा कि बंदर नोटों की सिर्फ एक गड्डी ले गया था। समय पर सूचना मिलने की वजह से बड़ा नुकसान होने से बच गया।