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पहाड़ों पर जल सैलाब, सब कुछ तबाह....2013 जैसी तबाही का मंजर दिखा रही उत्तराखंड की बाढ़, 150 लोग बहे
देहरादून. उत्तराखंड में रविवार को ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में बाढ़ आ गई। इससे 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है। यह जानकारी उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने दी। वहीं, इस हादसे के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, ITBP डीजी और NDRF डीजी से बात की। इसके अलावा दिल्ली से कुछ एनडीआरएफ की टीमें एयरलिफ्ट कर उत्तराखंड भेजी जा रही हैं।
| Published : Feb 07 2021, 02:16 PM IST / Updated: Feb 07 2021, 02:30 PM IST
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उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की खबर 2013 जैसी तबाही की याद दिला रही है। उत्तराखंड में 17 जून 2013 को बाढ़ आई थी। इसमें करीब 10 हजार लोग बह गए थे। इस बाढ़ से ना केवल उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला बल्कि पूरा उत्तर भारत प्रभावित हुआ था। इस दौरान करीब 5 हजार गांवों क नुकसान पहुंचा था।
अभी क्या है स्थिति?
उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि राहत की खबर है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नजर रख रही है।
अमित शाह ने की बात
अमित शाह ने ट्वीट कर बताया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, ITBP डीजी और NDRF डीजी से बात की। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।
पीएम मोदी ने लगातार संपर्क में
पीएम मोदी ने कहा, मैं उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव और राहत कार्यों पर अपडेट ले रहा हूं।
प्रोजेक्ट में लगे 150 लोग बहे
ग्लेशियर फटने से तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। इस आपदा में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है। बताया जाता है कि प्रोजेक्ट में लगे 150 लोग लापता हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि SDRF और जिला प्रशासन की टीमों को जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, स्थानीय लोगों से बातचीत के मुताबिक ही जानकारी हमारे पास भी है। ऐसे में हमारी प्राथमिकता है कि वहां फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए।
उधर, आईटीबीपी के जवान मौके पर पहुंच गए हैं। जबकि सेना की 6 टुकड़ियां यानी 600 सैनिक भी रवाना हो गए हैं।
इसके अलावा सेना ने अपने हेलिकॉप्टर और जवान भी घटनास्थल पर मदद के लिए भेज दिए हैं। सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी प्रशासन की मदद कर रही है।