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हर भूखे को देती हैं दो जून कि रोटी...जानिए कौन हैं स्नेहादास, जिन्हें मोदी ने सौंपा अपना ट्विटर अकाउंट
| Published : Mar 08 2020, 11:54 AM IST / Updated: Mar 08 2020, 12:02 PM IST
हर भूखे को देती हैं दो जून कि रोटी...जानिए कौन हैं स्नेहादास, जिन्हें मोदी ने सौंपा अपना ट्विटर अकाउंट
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स्नेहा ने बताया कि उन्होंने 2015 में चेन्नै में बाढ़ आने से पहले फूड बैंक की स्थापना की थी। इसका मुख्य मकसद भूख से लड़ना और भारत को एक ऐसा देश बनाना है जहां कोई भूखा नहीं रहे। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें फूड बैंक खोलने की प्रेरणा कहां से मिली। उन्होंने कहा, 'दादाजी के जन्मदिन और विशेष मौकों पर उनकी मां बच्चों को घर बुलाकर खाना बांटती थीं। मुझे इसे आगे ले जाने की इच्छा हुई।'
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उन्होंने अपनी कहानी साझा करते हुए लिखा, 'आपने जीने के लिए खाना जरूरी है के बारे में सुना होगा। अब समय है कि इस पर कार्य किया जाए और गरीबों को एक बेहतर भविष्य दिया जाए। भूख मिटाने की दिशा में मैंने स्वयंसेवियों के साथ काम किया जिनमें से ज्यादातर विदेश में रहते हैं। हमने 20 से ज्यादा सभाएं की और अपने काम के जरिए कई लोगों को प्रभावित किया।
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हमने साथ में मिलकर खाना बनाने, कुकिंग मैराथन, स्तनपान जागरुकता जैसी गतिविधियों की शुरुआत की। मुझे तब खुशी महसूस होती है जब मैं वह करती हूं जिसका मुझे शौक है। मैं अपने देश के नागरिकों खासकर महिलाओं को आगे आने और मेरे साथ काम करने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं। मैं सभी से आग्रह करती हूं कि कम से कम एक जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं।'
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फूड बैंक इंडिया का कॉन्सेप्ट बताते हुए स्नेहा कहती हैं कि मैं इस मुहिम से लोगों को जुड़ने के लिए कहती हूं। इसके लिए वो रोज कुछ एक्स्ट्रा पकाएं और उसमें से एक हिस्सा बेघरों को दें, न कि बचा हुआ बासी खाना।
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मैं ऐसे लोगों के पास अपने वॉलंटियर भेजती हूं, जहां से हम मैटेरियल जुटाते हैं। इसके अलावा हमने हंगर स्पॉट की पहचान कर रखी है। जहां ये मैटेरियल पहुंचाया जाता है। स्नेहा ने कहा कि इसका मैं सारा क्रेडिट अपने वॉलंटियर को देती हूं। उन्होंने ट्विटर पर अपना सक्सेस मंत्र भी बताया।
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स्नेहा ने पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए वीडियो में बताया कि वह फेसबुक पर लोगों से जुड़कर फूड बैंक के लिए काम करती हैं। उन्होंने फूड बैंक- चेन्नै नाम से एक फेसबुक पेज बनाया और लोगों से अपने-अपने राज्यों, शहरों के नाम से फेसबुक पेज बनाने की अपील की। उनकी इस अपील पर भारत में इस तरह के 18 जगहों पर फूड बैंक खुले और एक फूड बैंक दक्षिण अफ्रीका में भी खुला।
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फूड बैंक में काम करने वाले सभी सहयोगी खाने का कच्चा सामान लोगों से दान में लेते हैं और फिर भोजन बनाकर गरीबों के बीच बांटते हैं। इतना ही जो लोग अपने-अपने घरों में परिवार के खाने की जरूरत से ज्यादा भोजन तैयार करते हैं और ताजा खाना फूड बैंक को दे देते है। जिससे भूखों के बीच खाना वितरित किया जा सके।
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महिला दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर नारी शक्ति को सलाम किया और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को दिनभर के लिए उन 7 महिलाओं के हवाले कर दिया, जिन्होंने अपने हौसले और जुनून से लोगों को प्रेरित किया है।
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पीएम मोदी ने कहा, 'देश के हर क्षेत्र में असाधारण सफलता हासिल करने वाली महिलाएं। इन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में महान काम किया है। उनके संघर्ष और आकांक्षा से लाखों लोग प्रेरित होते हैं। आइए ऐसी महिलाओं की सफलताओं का जश्न मनाएं और उनसे सीखें।'
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प्रधानमंत्री ने लिखा, 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं। हम नारी शक्ति की भावनाओं और योग्यता को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था, मैं साइन ऑफ कर रहा हूं। मेरे सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए उपलब्धियां हासिल कर चुकीं सात महिलाएं अपनी जीवन यात्रा के बारे में बताएंगी, और आपसे बात करेंगी।'