MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Sports
  • Other Sports
  • रंग लाई इस खिलाड़ी की कड़ी मेहनत, भारत को 20 साल बाद इस खेल में मिला ओलंपिक टिकट

रंग लाई इस खिलाड़ी की कड़ी मेहनत, भारत को 20 साल बाद इस खेल में मिला ओलंपिक टिकट

नई दिल्ली. टोक्यो ओलंपिक में अब भारत में प्रतिभागी है वो एक ऐसे खेल में जिसमें वह पिछले 20 साल से दूर था। एक खिलाड़ी की मेहनत के बलबूते देश को घुड़सवारी में टिकट मिल गया है। इस खिलाड़ी का नाम है फवाद मिर्जा। फवाद एक भारतीय घुड़सवार हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत से देश का नाम रोशन कर दिया है। वह 5 साल की उम्र से घुड़सवारी सीख रहे थे।  

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jan 08 2020, 06:20 PM IST| Updated : Jan 08 2020, 06:21 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
18
फवाद ने एशियाई खेलों में भारत को 36 साल बाद घुड़सवारी में व्यक्तिगत पदक दिलावाया है। इसके बाद अब फवाद ने क्वालिफायर में अपने ग्रुप जी में टॉप पर रहते हुए टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया। उन्होंने 20 साल बाद देश को ओलंपिक कोटा दिलाया।
28
मिर्ज़ा के रूप में पूरे 20 साल बाद कोई भारतीय घुड़सवार ओलंपिक में उतरेगा। उनसे पहले सिडनी 2000 ओलंपिक में इम्तियाज़ अनीस उतरे थे। वाइल्ड कार्ड के जरिए ओलंपिक खेलने वाले अनीस से पहले 1996 अटलांटा ओलंपिक में विंग कमांडर आईजे लांबा घुड़सवारी में भारत के लिए खेले थे।
38
फवाद इस महीने यूरोपीय चरण खत्म होने के बाद दक्षिण पूर्व एशिया, ओसियाना ग्रुप जी की व्यक्तिगत स्पर्धा में शीर्ष रैंकिंग के घुड़सवार हैं। इस मामले में हालांकि आधिकारिक घोषणा अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी महासंघ (एफईआई) अगले साल 20 फरवरी को करेगा।
48
फवाद को साल 2019 में अगस्त में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 27 साल के फवाद ने छह क्वालिफाइंग स्पर्धा से कुल 64 अंक बनाए। उन्होंने अपने पहले घोड़े फर्नहिल फेसटाइम से 34 और दूसरे घोड़े टचिंगवुड से 30 अंक बनाए। फवाद ने जकार्ता एशियाई खेलों में व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा में रजत पदक जीते थे।
58
फवाद जर्मनी में ही पले-बढ़े हैं। उन्होंने 5 साल की उम्र से घुड़सवारी करना शुरू कर दिया था। फवाद के पिता डॉक्टर हसनैन मिर्जा और मां इंदिरा बसापा। फवाद हमेशा खुद को बेस्ट बनाने के लिए तैयारी करते रहते हैं। वह चाहते हैं कि वे दुनिया में सबसे बेहतरीन घुड़सवार बने।
68
घुड़सवारी सीखने की अपनी बचपन की यादों को शेयर करते समय फवाद काफी हंसते हैं। फवाद बचपने से ही घोड़े, बतख, खरगोश जैसे जानवरों के साथ खेल-कूदकर पले-बढ़े हैं। वह बताते हैं कि, कैसे बचपन में वो घोड़े पर बैठने से डरते थे, फिर जब उन्हें यह अच्छा लगने लगा तो सीखने की ठान ली।
78
फवाद बताते हैं कि, वह बार-बार घोड़े से गिरते और गिनते थे। हर बार उतने ही हौसले और हिम्मत से घोड़े पर बैठते थे। एक बार उन्हें घुड़सवारी में गहरी चोट भी लगी, वे घोड़े से गिर गए और घोड़ा उनके चेहरे पर दौड़ गया जिसके बाद उनको टांके भी आए।
88
देश के लिए ओलंपिक खेलने जा रहे फवाद किसी तरह का दवाब नहीं लेते हैं। वह पॉजिटिव रहने और काम करते रहने में विश्वास करते हैं।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved