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- 8 PHOTOS में देखें मोरबी हादसे का डरावना मंजर, किसी ने तैर कर बचाई जान तो कोई टूटे पुल पर फंसा रहा
8 PHOTOS में देखें मोरबी हादसे का डरावना मंजर, किसी ने तैर कर बचाई जान तो कोई टूटे पुल पर फंसा रहा
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कुछ लोग पुल टूटने के बाद भी ब्रिज पर लटके रहे और मदद की गुहार लगाते रहे। इनका आधा हिस्सा पानी में था, जबकि इन्होंने पुल की रस्सी पकड़ रखी थी, ताकि अपनी जान बचा सकें।
हादसे से ठीक पहले का भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें इसमें बड़ी संख्या में लोग ब्रिज पर मटरगश्ती करते नजर आ रहे हैं। इनमें से कुछ शरारती किस्म के लड़के पुल के केबल को पैर मारकर हिलाते नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि ये झूलते पुल पर शरारतें कर रहे थे और इसके कुछ देर बाद ही वह टूट गया।
रविवार को छुट्टी का दिन होने से केबल ब्रिज पर क्षमता से ज्यादा लोग पहुंच गए थे। दिवाली की छुट्टी होने की वजह से भी भीड़ ज्यादा थी। ब्रिज पर ओवरलोड होने को वजह से ही ये हादसा हुआ है।
हादसे के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से उनका हालचाल जाना। उन्होंने ब्रिज के टूटने के बाद एक समीक्षा बैठक भी की, जिसमें उनकी कैबिनेट के मंत्री, सांसद, विधायक और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी शामिल थे। जांच के लिए एसआईटी की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
NDRF की दो टीमों ने सारी रात रेस्क्यू ऑपरेशन किया। इसके अलावा SDRF की तीन प्लाटून राजकोट से भी पहुंची हैं। SRP की एक प्लाटून जामनगर से आई है। आर्मी की दो प्लाटून हैं। एक सुरेंद्र नगर और एक कच्छ से हैं. राजकोट नगर निगम की 10 नावें और फायर ब्रिगेड की टीमों ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन किया।
हादसे के बाद जिसके परिवार के सदस्य फंसे या लापता हैं, उनकी जानकारी के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय के आपदा नियंत्रण कक्ष ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। ये नंबर 02822-243300 है।
खबर है कि इस हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया की फैमिली के 12 लोगों की भी जान चली गई है। बता दें कि यह पुल 1880 में बना था। बाद में इसे अंग्रेजों ने रेनोवेट करवाया था।
बता दें कि मोरबी ब्रिज की लंबाई 200 मीटर से ज्यादा थी। वहीं चौड़ाई करीब 3 से 4 फीट थी। इसे हाल ही में रेनोवेट किया गया था, जिस पर करीब 2 करोड़ रुपए का खर्च आया था।
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