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बेटे और पत्नी की लाश के साथ बेटी को ढूंढ रहा घायल पिता, मोरबी हादसे की दर्दनाक कहानियां सुन रो पड़ेंगे
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अहमदाबाद से करीब 200 किमी की दूरी पर मच्छु नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज शाम तकरीबन पौने सात बजे टूट गया। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त पुल पर करीब 500 लोग थे और उसमें बहुत से लोग छठ पूजा से जुड़ी रस्में निभा रहे थे।
हादसे में मोना मोवार की 11 साल की बेटी नहीं रहीं। इतना ही नहीं उनका छोटा बेटा और पति भी मोरबी शासकीय अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे हैं। मीडिया से बातचीत में उनकी बड़ी बहन ने बताया कि उनकी बहन घटना में अपनी बेटी को खोने के बाद से बदहवास है। घटना के बाद से ही उसके आंसू नहीं रुक रहे और वह बेहोश हो जा रही है।
कुछ ऐसा ही गम अरिश्फा शाहमदार का भी हैं। वह अपने पांच साल के बेटे और पत्नी के शव के पास घाव सहला रहे हैं। उनका दुख यहां खत्म नहीं होता, क्योंकि 6 साल की एक बेटी गायब भी है। जामनगर से मोरबी आई उनकी बहन की इस हादसे में भी मौत हो गई है और उनके दो बच्चे गायब हैं। अरिश्फा के भाई का भी एक बच्चा गायब है।
अरिश्फा शाहमदार कभी अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं तो कभी घटनास्थल पर पहुंच कर वहां नदी से निकाले जा रहे लोगों में अपने लापता बच्ची व रिश्तेदारों को तलाशते हैं। घटना के बाद से ही ये सिलसिला लगातार जारी है। अरिश्फा की हालत भी बिगड़ती जा रही है।
राहत कार्य के लिए NDRF की पांच टीमें मौके पर भेजी गई थीं। इसके अलावा सेना, नौसेना और वायुसेना ने भी मोर्चा संभाला है। साथ ही घटनास्थल पर एक मेडिकल टीम भी तैनात है। करीब 150 साल पुराना यह केबल ब्रिज पर्यटन के लिहाज से लोकप्रिय जगह थी। रिनोवेशन के लिए यह 7 महीनों से बंद था। 26 अक्टूबर को इसे जनता के लिए दोबारा खोला गया था।