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गरीबों की मदद तो करते हैं सोनू सूद, लेकिन साथ में रख देते हैं मजाकिया शर्त, जानें इसके पीछे का राज़
मुंबई. महाराष्ट्र. कोरोना काल में अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) गरीबों और असहाय लोगों के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं। शुरुआत में उन्होंने लॉकडाउन (Lockdown) में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया। अब बीमारों का इलाज, गरीब बच्चों की पढ़ाई, बेरोजगारों को काम-धंधा और घर बनवाने से लेकर हर तरह की मदद कर रहे हैं। ये कहानियां सोनू सूद की मदद से जुड़ी हैं। सोनू सूद को रोज हजारों ट्वीट आते हैं। सोनू सूद की टीम इनमें से बाजिव मददगारों से संपर्क करती है। उन्हें मदद पहुंचाती है। ये तस्वीरें ऐसे ही लोगों की हैं, जिन्हें सोनू सूद ने मदद की। पहली तस्वीर लखनऊ के पॉपकॉर्न बेचने वाले एक बच्चे की है, जो पढ़ना चाहता था। सोनू सूद ने उसे स्मार्टफोन दिलवाया। दूसरी तस्वीर धनबाद के अनूप कुमार वर्णवाल की है। इनका हाल में लीवर ट्रांसप्लांट हुआ है। तीसरी तस्वीर याकूब की है। इनका नई दिल्ली के एम्स में ऑपरेशन किया गया। अब वे चल-फिर सकते हैं। लेकिन कभी-कभार सोनू सूद हल्के-फुल्के अंदाज में मदद मांगने वालों से मजाक में अजीब शर्त भी रख देते हैं।
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यह कहानी लखनऊ के रहने वाले हैप्पी (पहली तस्वीर) की है। वो और उसके पिता पॉपकॉर्न बेचते हैं। अंजली ताज नामक एक युवती ने सोनू सूद को ट्वीट किया। बताया कि वो इस बच्चे की पढ़ाई में मदद करती है। अब ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं। उसके पास स्मार्टफोन नहीं है। अगर मदद मिले, तो अच्छा रहेगा। इसके बाद सोनू सूद ने उसकी मदद कर दी। लेकिन मजाक करते हुए एक शर्त रख दी कि हैप्पी उन्हें पॉपकोर्न खिलाएगा। आगे पढ़ें इसी बच्चे की कहानी...
सोनू सूद ने बच्चे को न सिर्फ स्मार्टफोन दिलवाया, बल्कि पढ़ाई के लिए बाकी सामग्री भी भेजी। अंजली ने बच्चे के साथ एक फोटो शेयर करके अपनी खुशी जताई। आगे देखें इसी बच्चे की तस्वीर...
बच्चे को उम्मीद नहीं थी कि उसके हाथ में कभी स्मार्टफोन भी आएगा।
यह कहानी धनबाद के अनूप कुमार वर्णवाल की है। वे किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। इलाज के लिए 28 लाख रुपए की जरूरत थी। गरीब परिवार के पास इतना पैसा नहीं था। दोस्तों ने 20 दिन में मदद के जरिये 14 लाख रुपए जुटा लिए। लेकिन पांच लाख रुपए कम पड़ रहे थे। दोस्तों ने सोनू सूद से ट्वीट के जरिये मदद मांगी। सोनू सूद ने हेल्प की। इस तरह अनूप का एआइजी अस्पताल हैदराबाद में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। किडनी उनकी मां ने दी।
यह कहानी याकूब की है। इनका हाल में नई दिल्ली के एम्स में ऑपेशन हुआ। ये पिछले 4 साल से चलने-फिरने में असमर्थ थे। याकूब ने सोनू सूद से मदद मांगी थी।
यह कहानी धनबाद की कुछ लड़कियों से जुड़ी है। धनबाद की इन लड़कियों की लॉकडाउन में नौकरी जाती रही। इस बीच सोनामुनी नामक लड़की को सोनू सूद के बारे में पता चला। उसने संकोच करते हुए सोनू सूद को ट्वीट किया। सोनामुनी को उम्मीद नहीं थी कि सोनू सूद की ओर से कोई रिप्लाई आएगा। लेकिन जब सोनू का जवाब मिला, तो उसे भरोसा ही नहीं हुआ। सोनू सूद ने जवाब में लिखा-'धनबाद की हमारी यह 50 बहनें एक सप्ताह के भीतर कोई अच्छी नौकरी कर रहीं होंगी...यह मेरा वादा है।' आगे पढे़ं इसी खबर के बारे में...
सोनू सूद ने यह ट्वीट प्रवासी रोजगार के साथ के साथ किया था। प्रवासी रोजगार के तहत ही सोनू देशभर में युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। आगे पढे़ं इसी खबर के बारे में...
धनबाद की इन गरीब लड़कियों के लिए मामूली नौकरी भी किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं थी। लॉकडाउन में वो भी जाती रहने से परेशान हो गई थीं। सोनू सूद ने फिर से उनकी जिंदगी में खुशियां लौटा दी हैं। आगे पढे़ं इसी खबर के बारे में...
इन गरीब लड़कियों को भरोसा नहीं था कि सोनू उन्हें रिप्लाई करेंगे। लेकिन सोनू सूद का जवाब पढ़कर वे अपनी खुशी छुपा नहीं पाईं।