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जबांज बेटा देश की रक्षा में हुआ कुर्बान, लाल की तस्वीर सीने से लगाए फूट-फूटकर रोती रही बूढ़ी मां
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सेना में नायब सूबेदार के पद पर पदस्थ मनजीत सिंह पटियाला के घनौर हलके गांव के रहने वाले थे। जैसे ही उनके शहादत की खबर गांव पहुंची तो परिवार वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। 65 साल की बुजुर्ग मां शकुंतला देवी का रो-रोकर बुरा हाल है, वह सुबह से ही अपने बेटे की तस्वीर सीने से चिपकाए आंसू बहाती रहीं। उन्होंने बताया कि उनके बुढ़ापे का सहारा देश के लिए जान दे गया
शहीद मनदीप सिंह तीन बहनों में इकलौते भाई थे। पत्नी गुरदीप कौर पति के शहदत की खबर सुनते ही बेसुध हो गई। वह बार-बार यही कह रही है कि वह मुझको अकेल छोड़कर चल गए। वीरांगना ने बताया कि मनदीप सिंह का सपना था कि उनके बच्चे बड़े अफसर बनें लेकिन अब उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा। यह कहकर वह बिलख पड़ीं। वहीं अन्य परजनों के भी घरवालों के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे है।
बता दें कि शहीद नायब सूबेदार मनदीप सिंह 1988 में पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। अभी वे बतौर नायब सूबेदार लद्दाख में ड्यूटी दे रहे थे। वह अपने घर के इकलौते थे जो घर में कमाने वाले थे। अब उनके बाद परिवार का खर्चा कैसे चलेगा यह सबसे बड़ी मुसीबत है। जवान के पिता लछमण सिंह की मौत पहले ही हो चुकी है।
पत्नी गुरदीप कौर ने बताया उसकी कुछ दिन पहले ही मनदीप से बात हुई थी। वह 15 दिन पहले ही घर से छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर गए थे। उनका 12 साल का जोबनप्रीत सिंह और 15 साल की लड़की महकप्रीत कौर है। बेटी केवल इतना ही कह रही थी कि पापा आप हमें छोड़कर कहां चले गए।
विधवा मां शंकुतला तो बस एकटक अपने बेटे की तस्वीर की देखे जा रही थी। पड़ोस की महिलाओं ने जब बेटे के बारे में पूछा तो वह फूट-फूट कर रोने लगीं। कहा कि उनका तो बुढ़ापे का सहारा भगवान ने छीन लिया। उन्होंने केंद्र सरकार से चीन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।
बता दें कि आज शहीद जवान मनदीप सिंह की पार्थिव देह पंजाब आएगी।