बहादुर बेटे की अर्थी को कंधा देकर बोली बूढ़ी मां-'मेरा बेटा शेर था'
| Published : Jul 29 2019, 05:22 PM IST
बहादुर बेटे की अर्थी को कंधा देकर बोली बूढ़ी मां-'मेरा बेटा शेर था'
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गुरदासपुर. एक बूढ़ी मां के लिए उसके जवान बेटे की मौत का सदमा बेहद असहनीय होता है। लेकिन यहां एक मां ने उस दर्द को सीने में दबाकर बेटे को कंधा दिया। यही नहीं, मां ने गर्व से कहा कि उसका बेटा शेर था। उसने दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया और सीने पर गोली खाकर अपने देश की लाज रखी। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में हुए आतंकी हमले में 57 राष्ट्रीय राइफल के लांसनायक राजिंदर सिंह शहीद हो गए थे। वे महज 25 साल के थे। सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ उनके गांव पब्बरांली कलां में अंतिम संस्कार किया गया। बूढ़ी मां पलविंदर कौर ने अपने जवान बेटे को कंधा दिया। वहीं 9 महीने के बेटे गुरनूर ने मुखाग्नि दी।
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जबांज सैनिक को अंतिम विदाई देने सैकड़ों लोग पहुंचे। इस दौरान शहीद की पत्नी रणजीत कौर की आंखों में पति को खोने का दर्द और उनकी बहादुरी पर गर्व के आंसू छलक रहे थे। तिरंगे में लिपटे बेटे की पार्थिव देह को देखकर बूढ़ी मां खुद को रोक नहीं पाई। मां खुद अपने बेटे को कंधा देने पहुंच गई।
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कुछ दिन पहले ही मां को किया था कॉल: शहीद ने कुछ दिन पहले ही घर पर कॉल किया था। उसने बताया था कि वहां का माहौल बहुत खराब है। हो सकता है कि यह उसका आखिरी कॉल हो। शनिवार को घर पर राजिंदर की शहादत का संदेश पहुंचा। शहीद की पार्थिव देह लेकर गांव आए सूबेदार सलविंदर सिंह और हवलदार तरविंदर सिंह के मुताबिक, आतंकियों को सीमा पार कराने के लिए पाकिस्तानी सेना लगातार कवर फायर कर रही थी। राजिंदर ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान उसके सीने में आकर गोली लगी।
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राजिंदर 2014 में सेना में भर्ती हुए थे। पिछले साल ही उनकी शादी हुई थी। इस दौरान वो दो बार ही छुट्टी पर अपने घर आए थे।
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शहीद के श्रद्धांजलि देने पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब सरकार की ओर से शहीद के परिवार को 12 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। गांव के सरकारी स्कूल का नाम भी अब शहीद के नाम पर होगा। मंत्री ने कहा कि शहीद की पत्नी को भी सरकार नौकरी देगी।